कड़ाके की ठंड और हाईवे पर पसरे कोहरे ने सांसत में डाली वन्यजीवों की जान
सड़कों पर पसरे घने कोहरे ने वन्यजीवों की जान सांसत में डाल दी है। मैदानी क्षेत्रों में जंगल की देहरी पार करते ही वे सड़क हादसों का शिकार हो रहे हैं।
By Edited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 22 Dec 2019 03:57 PM (IST)
देहरादून, केदार दत्त। कड़ाके की ठंड और सड़कों पर पसरे घने कोहरे ने वन्यजीवों की जान सांसत में डाल दी है। मैदानी क्षेत्रों में जंगल की देहरी पार करते ही वे सड़क हादसों का शिकार हो रहे हैं। 11 दिन के भीतर ही कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे हाईवे पर अज्ञात वाहनों की चपेट में आकर दो गुलदार और एक गर्भवती बाघिन की मौत हो चुकी है। इससे चिंतित वन्यजीव महकमे ने शीतकाल और कोहरे के मद्देनजर गाइडलाइन जारी की है, ताकि हादसों में बेजुबानों की असमय मौत पर अंकुश लग सके।
पश्चिमी और शिवालिक वृत्त के वन संरक्षकों को इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। देश के अन्य हिस्सों की भांति उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र भी शीतलहर और कोहरे की गिरफ्त से अछूते नहीं है। लोग हलकान हैं तो, इसने वन्यजीवों को भी बेचैन किया हुआ है। कोहरे के दौरान जंगल से गुजर रही अथवा उससे लगी सड़क पार करते ही वे फर्राटा भरते वाहनों की चपेट में आ रहे हैं।
कॉर्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे हाईवे पर हुए हादसे इसकी तस्दीक करते हैं। साफ है कि वन्यजीवों पर दोहरी मार पड़ रही है। ऐसे में कोहरे के दौरान बेजुबान सड़क हादसों का शिकार न बनें, इसके मद्देनजर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी ने गाइडलाइन जारी की है।
गाइडलाइन के बिंदु
-कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे हाईवे पर स्थित बैरियरों पर अतिरिक्त सतर्कता
-पुलिस और परिवहन विभाग की मदद से हाईवे पर वाहनों की गतिसीमा पर नियंत्रण
-हाईवे पर स्थित वन बैरियरों में मौजूद कर्मचारी, वाहन चालकों और पर्यटकों को करेंगे जागरूक
वन्यजीव प्रतिपालक उत्तराखंड राजीव भरतरी का ने बताया कि शीतकाल और कोहरे से वन्यजीवों की सुरक्षा के मद्देनजर गाइडलाइन जारी की गई है। साथ ही हाईवे पर सतर्कता और जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
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