अतिथि शिक्षकों की भर्ती पर फिर फंसा पेंच, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। इधर, राज्य सरकार अतिथि शिक्षकों की काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी कर चुकी है।
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश में अतिथि शिक्षकों की भर्ती पर फिर एक बार अडंगा लग गया है। जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। इधर, राज्य सरकार अतिथि शिक्षकों की काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी कर चुकी है। शिक्षा मंत्री व विभागीय अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश की जानकारी होने से इन्कार किया है। उनका कहना है कि जब तक आदेश नहीं आता कुछ भी कह पाना मुमकिन नहीं होगा। राज्य सरकार ने 12 दिसंबर को प्रदेश में अतिथि शिक्षकों के 4910 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था।
प्रवक्ता के 4076 पदों पर 46513 और सहायक अध्यापक एलटी के 834 पदों पर 20770 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। जिसके बाद विभाग ने सभी जिलों की विषय व संवर्गवार मेरिट लिस्ट विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर दी। साथ ही सभी अभ्यर्थियों की दो दिन के भीतर संबंधित जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जाकर दस्तावेजों का सत्यापन कराने का समय दिया।
विभाग ने इस बार पहले ही विद्यालयों में विषयों के रिक्त पदों की सूची तैयार कर ली थी। जिसके आधार पर शिक्षकों की तैनाती भी कर दी गई। इस बीच पूर्व के अतिथि शिक्षकों को उम्र सीमा में छूट और तैनाती में प्राथमिकता दिए जाने पर कुछ आवेदक सुप्रीम कोर्ट चले गए थे।
बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इस मामले में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संबंध में अभी उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है। जब तक न्यायालय का आदेश प्राप्त नहीं होता, कुछ कहा नहीं जा सकता। उनका कहना है कि आदेश का अनुपालन किया जाएगा। पर इसमें एक पक्ष यह भी है कि भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है।
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