Uttarakhand assembly Session: आर्थिक विकास दर में गिरावट दर्ज, प्रति व्यक्ति आमदनी में इजाफा
अर्थव्यवस्था में वृद्धि से उत्तराखंड सुकून महसूस कर रहा है। सकल घरेलू उत्पाद प्रति व्यक्ति आय जैसे आर्थिकी के मानक गवाही दे रहे हैं कि राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूती की ओर है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। देश में भले ही आर्थिक सुस्ती का माहौल हो, लेकिन अर्थव्यवस्था में वृद्धि से उत्तराखंड सुकून महसूस कर रहा है। सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी), प्रति व्यक्ति आय जैसे आर्थिकी के मानक गवाही दे रहे हैं कि राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूती की ओर है। राज्य की विकास दर 0.7 फीसद गिरी है, लेकिन राष्ट्रीय दर की तुलना में यह कम ही है।
वर्ष 2017-18 में विकास दर 7.84 फीसद से 2018-19 में गिरकर 6.87 फीसद रह गई। वहीं, इसी अवधि में प्रति व्यक्ति आमदनी में 16418 रुपये का इजाफा हुआ है। यह बढ़कर 1,98,738 हो गई है। इसी तरह जीएसडीपी की स्थिर भाव पर वृद्धि दर 6.87 फीसद है। सरकार के लिए चुनौती का विषय कृषि क्षेत्र है। राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 14 फीसद से घटकर 10.57 फीसद रह गई है। ऐसे में किसानों की आमदनी दोगुना करने के लक्ष्य पर काम कर रही सरकार को इस क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देना पड़ सकता है। अलबत्ता सेवा के क्षेत्र में वृद्धि दर पर्यटन के साथ ही परिवहन, होटल व मनोरंजन क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत है। यह सरकार के लिए भी राहत की बात है।
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सरकार ने सदन के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 पेश किया। सर्वे के मुताबिक राज्य की अर्थव्यवस्था में मुख्य योगदान विनिर्माण क्षेत्र का रहा है। यह जीएसडीपी का तकरीबन 37.52 फीसद है। इसके बाद योगदान निर्माण क्षेत्र का 7.95 फीसद, व्यापार, होटल और जलपान गृह का 14.96 फीसद, परिवहन, संचार एवं प्रसारण, भंडारण क्षेत्र का 6.02 फीसद है। प्रचलित भाव पर जीएसडीपी वर्ष 2017-18 में 222836 करोड़ की तुलना में 2018-19 में 245895 करोड़ अनुमानित है। यह तकरीबन 10.35 फीसद है। प्राथमिक क्षेत्र यानी कृषि में राज्य के लिए चुनौती काफी ज्यादा है। सेवा क्षेत्र में राज्य सरकार के कदम बढ़ रहे हैं। इस क्षेत्र का योगदान 33.88 फीसद से बढ़कर 40.50 फीसद हो गया है।
राज्य की वित्तीय स्थिति
-2018-19 में जीएसडीपी 180844 करोड़ से बढ़कर 193273 करोड़ रुपये अनुमानित
-प्रति व्यक्ति आय 182320 रुपये से बढ़कर 198738 रुपये
-वर्ष 2019-20 में राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियां-38955.49 करोड़, बीते वर्ष की तुलना में 12.09 फीसद ज्यादा
-केंद्रीय करों में इस वर्ष राज्य की हिस्सेदारी 23622 करोड़ आंकी गई
-राज्य का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के सापेक्ष वर्ष 2017-18 में 3.45 फीसद व 2018-19 में 2.23 फीसद अनुमानित
-अर्थव्यवस्था में योगदान: प्राथमिक क्षेत्र-10.57 फीसद, द्वितीयक क्षेत्र-48.93 फीसद और तृतीयक क्षेत्र-40.50 फीसद
-जीएसडीपी में व्यापार, होटल एवं जलपान गृह का 11.30 फीसद, बिजली, गैस, पानी व अन्य उपयोगी सेवाओं का 10.27 फीसद वृद्धि
-वित्तीय क्षेत्र में 0.26 फीसद, कृषि क्षेत्र में 0.81 फीसद व खनन-उत्खनन में 0.82 फीसद वृद्धि दर
राज्य को 31 दिसंबर, 2019 तक करों से इस तरह हुई आय
-7210.87 करोड़, पिछले साल से 12 फीसद ज्यादा, 31 मार्च तक 9948.74 करोड़ अनुमानित
-पेट्रोल-डीजल से आमदनी में 3.79 फीसद कमी, 1297.47 करोड़ प्राप्ति
-जीएसटी से 5105.18 करोड़ प्राप्ति, 16 फीसद वृद्धि
-स्टांप व निबंधन से राजस्व प्राप्ति 822.46 करोड़
-आबकारी से 2445.95 करोड़
सतत विकास लक्ष्य
-राज्य में सतत विकास के तहत 17 लक्ष्य और 169 उपलक्ष्य चिह्नित, देश में उत्तराखंड का 11वां स्थान
-मानव विकास सूचकांक में देहरादून पहले, हरिद्वार दूसरे और ऊधमसिंनगर तीसरे स्थान पर
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कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
-राज्य में कुल 2366 बैंक शाखाओं का नेटवर्क, इनमें 1141 ग्रामीण क्षेत्रों में
-बैंकों का ऋण-जमा अनुपात 52 है, ऊधमसिंहनगर में सर्वाधिक 112 और अल्मोड़ा में सबसे कम 22 है
-जन धन योजना के तहत 26.74 लाख खाते खोले गए, 78.80 फीसद खाताधारकों को रुपे डेबिट कार्ड
-प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 1562578 ग्राहक नामांकित
-प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 414191 ग्राहक नामांकित
-प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बैंकों ने 127199 नए सूक्ष्म उद्यमियों को 1572.72 करोड़ ऋण दिया
-जरूरतमंद किसानों को 579093 किसान क्रेडिट कार्ड जारी, इसी वित्तीय वर्ष में 42258 को नए कार्ड दिए
-राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 2358820 राशनकार्ड, राशन की 9225 दुकानें
-राज्य में कृषि भूमि कम होने के बाद भी खाद्यान्न उत्पादकता बढ़ी, 2018-19 में 19.44 लाख मीट्रिक टन अनुमानित
-राज्य में कुल पशुधन 44.22 लाख, कुक्कुटों की कुल संख्या 50.19 लाख