ग्रुप कैप्टन यशपाल नेगी को मिले दो पदक
पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के आंतकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की योजना बनाने और उसे अंजाम देने वाले उत्तराखंड के लाल ग्रुप कैप्टन यशपाल सिंह नेगी को वायुसेना दिवस पर एकसाथ दो पदक से सम्मानित किया गया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के आंतकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की योजना बनाने और उसे अंजाम देने वाले उत्तराखंड के लाल ग्रुप कैप्टन यशपाल सिंह नेगी को वायुसेना दिवस पर एकसाथ दो पदक से सम्मानित किया गया है। उन्हें बालाकोट के लिए युद्ध सेवा मेडल, जबकि वायु सेना में उल्लेखनीय सेवा के लिए विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा गया। वायुसेना के 88वें स्थापना दिवस पर गाजियाबाद के हिडन एयरबेस पर आयोजित समारोह में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने उन्हें पदक प्रदान किए। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी उन्हें वायु सेना मेडल के लिए सम्मानित किया जा चुका है।
ग्रुप कैप्टन यशपाल सिंह नेगी मूल रूप से दल्ला गांव, पट्टी आरगढ़, घनसाली, टिहरी के मूल निवासी हैं। वर्तमान में उनका परिवार देहरादून के शास्त्रीनगर में रहता है। नेगी की कॉन्वेंट स्कूल ओल्ड टिहरी और सैनिक स्कूल लखनऊ से पढ़ाई हुई है। वहीं से वह 1990 में एनडीए में चयनित हुए। उस समय उनकी ऑल इंडिया में पांचवीं रैंक आई। तीन साल एनडीए में ग्रेजुएशन करने के बाद वह छह माह प्रयागराज, छह माह हैदराबाद ट्रेनिग में चले गए। 16 दिसंबर 1995 को वह एयर फोर्स के फ्लाइंग ब्रांच में पायलट के तौर पर कमीशन हुए थे। वर्तमान में वह एयर फोर्स स्टेशन श्रीनगर में तैनात हैं।
उत्तराखंड का लाल ग्रुप कैप्टन यशपाल नेगी उन चुनिदा अफसरों में शामिल हैं, जिन्होंने बालाकोट में हुए सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी प्लानिग की थी। वह एक कॉम्बेट पायलेट हैं। वायु सेना दिवस पर दो-दो मेडल लेकर न केवल उन्होंने अपने माता-पिता का नाम किया बल्कि उत्तराखंड का नाम भी देश दुनिया में ऊंचा किया है।