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Coronavirus: अब देहरादून में प्रवेश पर देना होगा ग्रीन टैक्स, तैयार हो रहा प्रारूप

कोरोना संक्रमण के दूर होने के बाद दून नगर निगम क्षेत्र में प्रवेश करने पर आपको प्रवेश शुल्क देना पड़ेगा।

By Edited By: Published: Fri, 22 May 2020 02:57 AM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 08:54 PM (IST)
Coronavirus: अब देहरादून में प्रवेश पर देना होगा ग्रीन टैक्स, तैयार हो रहा प्रारूप
Coronavirus: अब देहरादून में प्रवेश पर देना होगा ग्रीन टैक्स, तैयार हो रहा प्रारूप

देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के दूर होने के बाद दून नगर निगम क्षेत्र में प्रवेश करने पर आपको प्रवेश शुल्क देना पड़ेगा। मनाली जैसे शहरों की तर्ज पर दून नगर निगम ने शहर में प्रवेश पर बाहरी वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने की तैयारी कर ली है। गुरुवार को महापौर सुनील उनियाल गामा की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। टैक्स कितना होगा, कौन से वाहन इसके दायरे में आएंगे और किन्हें छूट रहेगी, इसका प्रारूप तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। 

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महापौर गामा ने साफ किया है कि देहरादून में पंजीकृत वाहनों को इससे छूट रहेगी। कोरोना संक्रमण के चलते ठप पड़े कार्यो को शुरू करने और नगर निगम को फिर से पटरी पर लाने के लिए कसरत शुरू हो गई है। इसी के मद्देनजर गुरुवार को महापौर ने निगम कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। निगम की कार्यकारिणी के जनवरी में चुने जाने के बाद यह पहली बैठक रही। निगम के सभा हॉल में हुई बैठक में शारीरिक दूरी के साथ महापौर और नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय की मौजूदगी में बैठक शुरू हुई। 

इसमें मुख्य एजेंडा निगम की आय बढ़ाने का रहा। इस दौरान महापौर ने प्रस्ताव रखा कि मनाली व कुछ अन्य शहरों में बाहरी राज्यों के वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूला जाता है। मसूरी में भी ऐसी व्यवस्था है। ऐसे में देहरादून में भी ये टैक्स लगाया जाना चाहिए। इसे पार्षदों की ओर से हरी झंडी दे दी गई। महापौर गामा ने बताया कि निगम अधिकारी इस बारे में प्रारूप तैयार करेंगे और शासन से मंजूरी के बाद नगर निगम क्षेत्र में सभी सीमाओं पर टोल-बैरियर लगाकर टैक्स की वसूली की जाएगी। बैठक में तय हुआ कि नए ग्रामीण वार्डों में सफाई की व्यवस्था प्रभावी बनाने के लिए एक जून से सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। ऐसे 29 ग्रामीण वार्ड हैं, जहां मौजूदा समय में महज पांच-आठ सफाई कर्मचारी हैं। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में शहर की तर्ज पर बस स्टैंड भी बनाए जाएंगे।

बैठक में उप नगर आयुक्त सोनिया पंत, वरिष्ठ वित्त अधिकारी वीरेंद्र रावत, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. कैलाश जोशी समेत वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरके सिंह, अधिशासी अभियंता अनूप भटनागर, टैक्स अधीक्षक विनय प्रताप और धर्मेश पैन्यूली आदि मौजूद रहे। सभी सदस्य रहे मौजूद बैठक में कार्यकारिणी के सभी 12 सदस्य मौजूद रहे। इनमें पार्षद स्वाति डोभाल, वीना रतूड़ी, अर्चना पुंडीर, आलोक कुमार, राकेश मचकोला, विनोद कुमार, अभिषेक पंत, दिनेश चंद्र सती, भूपेंद्र कठैत, विमल चंद्र उनियाल, उर्मिला थापा, राजेश परमार शामिल थे।

बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर कसरत तेज 

नगर निगम ने दून शहर में बॉयो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर कवायद तेज कर दी है। महापौर ने बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव पहले ही भेजा जा चुका है और यह शासन में लंबित है। कोरोना संकट को देखते हुए प्लांट शीघ्र लगना चाहिए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की गाइड-लाइन के मुताबिक मॉस्क का निस्तारण भी मेडिकल वेस्ट प्रणाली के अनुसार होना चाहिए, मगर ऐसा फिलहाल नहीं हो पा रहा। मॉस्क अब भी सामान्य कूड़े के साथ निगम के कूड़ेदान या सड़कों पर फेंके जा रहे, जो नियमानुसार गलत है। गुच्चूपानी पर कब्जा लेगा निगम नगर निगम ने गुच्चूपानी पर्यटक स्थल पर कब्जा लेने की तैयारी कर ली है। 

महापौर ने बताया कि नगर निगम सीमा विस्तार होने के बाद गुच्चुपानी अब निगम का हिस्सा है, लेकिन पर्यटक स्थल से जो आय हो रही है वह अभी भी ग्राम सभा और पर्यटन विभाग ले रहे। उन्होंने निगम प्रशासन को गुच्चुपानी को अपने अधिकार क्षेत्र में लेने का आदेश दिया। महापौर ने बताया कि इससे हर साल एक से डेढ़ करोड़ की आय नगर निगम को होगी। इसके लिए जिलाधिकारी से बात की जाएगी। दाखिल खारिज व आबकारी शुल्क लेने पर भी विचार निगम कार्यकारिणी बैठक में अन्य राज्यों की तर्ज पर शहर में दाखिल खारिज पर एक या दो फीसद टैक्स नगर निगम को देने की मांग सरकार से की गई। 

आबकारी ठेकों से मिलने वाले टैक्स से भी निगम को निर्धारित शुल्क दिए जाने की पैरवी की गई। महापौर ने कहा कि इस संबंध में सरकार को निगम की ओर से पत्र भेजा जाएगा। कूड़ा उठान यूजर चार्ज बिजली बिल में जोड़ने की कसरत नगर निगम डोर-टू-डोर कूड़ा उठान का मासिक यूजर चार्ज बिजलीबिल में जोड़ने की तैयारी कर रहा है। बैठक में पार्षदों की ओर से प्रस्ताव दिया गया कि बड़े शहरों में यही व्यवस्था है। इससे यूजर चार्ज में वृद्धि होगी।

हालांकि, तकनीकी दिक्कत यह भी मानी जा रही कि बिजली का बिल दो माह का आता है, जबकि निगम हर माह यूजर चार्ज वसूलता है। इसके अलावा उत्तराखंड में ऊर्जा निगम मुंबई जैसे शहरों की तर्ज पर नगर निगम का हिस्सा नहीं है। महापौर की ओर से मामले में शासन में वार्ता कर निर्णय लेने की बात कही गई। हाउस टैक्स बकायेदारों को मिलेगा 20 फीसद छूट का फिर मौका नगर निगम वर्ष 2019-20 के हाउस टैक्स बकायेदारों को 20 फीसद छूट संग टैक्स जमा करने का एक मौका और देगा।

बैठक में नगर आयुक्त ने बताया कि निगम में हाउस टैक्स काउंटर बंद होने से पूर्व 15 मार्च तक 44 करोड़ रुपये टैक्स निगम को मिल चुका था। अगर टैक्स 31 मार्च तक जमा होता तो यह राशि 50 करोड़ पार हो सकती थी। ऐसे में तय हुआ कि बकायेदारों को पंद्रह दिन का मौका और दिया जाएगा कि वे छूट के साथ टैक्स जमा करा सकें। 

टाउन हॉल में बैठाकर देंगे टोकन हाउस टैक्स काउंटर खोलने और जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए नगर निगम ने तैयारी कर ली है। नगर आयुक्त ने बताया कि निर्धारित संख्या के हिसाब से निगम के अंदर जनता को आने की अनुमति दी जाएगी। लोगों को पहले टाउन हॉल में शारीरिक दूरी के साथ बैठाया जाएगा। सेनिटाइजर की व्यवस्था भी होगी। वहां हाउस टैक्स जमा कराने अथवा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र लेने आए लोगों को टोकन दिए जाएंगे, उसके बाद बारी-बारी से उन्हें काउंटर पर भेजा जाएगा। व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है। वहां से अनुमति मिलते ही हाउस टैक्स और प्रमाण पत्र काउंटर खोल दिए जाएंगे। 

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महापौर ने बताया कि वे स्वयं इस बारे में जिलाधिकारी से बात करेंगे। वेडिंग प्वाइंट और वेंडिंग जोन का काम होगा शुरू नगर निगम की 10 जनवरी को हुई बोर्ड बैठक में पारित शहर में वेडिंग प्वाइंट और वेंडिंग जोन बनाने के प्रस्तावों को जल्द ही शुरू करने की तैयारी हो रही। पीपीपी मोड पर निगम अपनी जमीनों पर पहले चरण में दस वेडिंग प्वाइंट बनाने जा रहा। साथ ही शहर में दो दर्जन नए स्मार्ट वेंडिंग जोन भी बनाए जाने हैं। वहीं, निगम नदी किनारे जो जमीनें खाली पड़ी हैं, वहां पीपीपी मोड पर पिकनिक स्पॉट, तालाब आदि बनाने पर भी विचार कर रहा। इन सभी से निगम को हर साल करोड़ों की आय होगी। वहीं, महापौर ने बताया कि निगम की जो जमीनें फंसी हैं उन्हें फ्री होल्ड करने को शासन से अनुमति मांगी गई है।

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