निगमों-उपक्रम कार्मिकों की ग्रेच्युटी 20 लाख तक बढ़ी
प्रदेश के सार्वजनिक निगमों व उपक्रमों के कर्मचारियों की मुराद करीब ढाई साल बाद सरकार ने पूरी कर दी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
प्रदेश के सार्वजनिक निगमों व उपक्रमों के कर्मचारियों की मुराद करीब ढाई साल बाद सरकार ने पूरी कर दी है। अब सेवानिवृत्ति पर कार्मिक और मृत्यु पर उनके परिजनों को ग्रेच्युटी के रूप में अधिकतम 20 लाख रुपये मिल सकेंगे। सरकार के इस फैसले से निगमों-उपक्रमों के करीब 30 हजार से ज्यादा कार्मिकों को लाभ मिलेगा।
औद्योगिक विकास प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने इस संबंध में निगमों-उपक्रमों के सभी प्रबंध निदेशक को आदेश जारी किए हैं। राज्य कर्मचारियों को यह सुविधा 30 दिसंबर, 2016 को ही दी जा चुकी है। इस क्रम में सार्वजनिक निगमों-उपक्रमों के कार्मिकों की ओर से भी ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाने की मांग की जा रही थी। सार्वजनिक उपक्रमों व निगमों के कर्मचारियों की इस मांग पर केंद्रीय भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय ने 10 जुलाई, 2018 को कार्यालय ज्ञाप जारी कर चुका है। लिहाजा राज्य सरकार ने भी इन कार्मिकों की मांग पूरी कर दी है।
शासनादेश के मुताबिक सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ ले रहे सार्वजनिक निगमों-उपक्रमों के कार्मिकों की ग्रेच्युटी की सीमा दस लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख की गई है। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस अतिरिक्त भुगतान के लिए राज्य सरकार किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं कराएगी। निगमों-उपक्रमों को अपने वित्तीय संसाधनों से इस भार को वहन करना होगा। गौरतलब है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से उक्त संबंध में आदेश जारी नहीं किया जा सका था, हालांकि इस संबंध में पत्रावली को वित्त की ओर से बीती आठ मार्च को ही अनुमोदित किया जा चुका था।
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