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त्रिवेंद्र और योगी के पैतृक गांवों में जीपीएस से होगा सर्वे

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांवों समेत पौड़ी जिले के चार गांवों में भूमि पैमाइश के लिए सर्वे जीपीएस और टोटल स्टेशन तकनीक से होगा।

By Edited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 08:19 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 04:39 PM (IST)
त्रिवेंद्र और योगी के पैतृक गांवों में जीपीएस से होगा सर्वे
त्रिवेंद्र और योगी के पैतृक गांवों में जीपीएस से होगा सर्वे

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में चकबंदी के लिए हामी भरने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांवों समेत पौड़ी जिले के चार गांवों में भूमि पैमाइश के लिए सर्वे जीपीएस और टोटल स्टेशन तकनीक से होगा। आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर चकबंदी से किसानों के पास भूमि का पूरा ब्योरा एक आसान नक्शे की शक्ल में उपलब्ध होगा। साथ ही कंप्यूटर या मोबाइल पर क्लिक करते ही पूरा गांव या क्षेत्र एक स्टेशन के रूप में गूगल मैप पर भी दिखेगा।

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प्रदेश सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का संकल्प जता चुकी है। सरकार ने राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चकबंदी के लिए चार गांव चयनित किए हैं। ये सभी गांव पौड़ी जिले के हैं। इनमें खैरासैंण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और यमकेश्वर ब्लॉक स्थित पंचुर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पैतृक गांव है। ये दोनों ही गांव चकबंदी के लिए हामी भर चुके हैं। अन्य दो गांव ओणी और लखोली हैं। इन चार गांवों में चकबंदी के लिए राजस्व महकमे की टीम मुआयना कर चुकी है। 

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चकबंदी के लिए मैपिंग आधुनिक तकनीक से की जाएगी। इसमें किसानों और ग्रामसभा की जमीन का पूरा ब्योरा दर्ज होगा। इन चारों गांवों का सर्वे जीपीएस और टोटल स्टेशन तकनीक से कराया जाएगा। इसका जिम्मा राजस्व परिषद को सौंपा गया है। परिषद ही सर्वे कराएगा। इस तकनीक का इस्तेमाल हिमाचल प्रदेश में भी किया जा रहा है। राजस्व सचिव सुशील कुमार ने बताया कि जीपीएस व टोटल स्टेशन तकनीक से चकबंदी का पूरा क्षेत्र एक स्टेशन के रूप में नजर आएगा। इससे उक्त गांवों में कलस्टर खेती को प्रोत्साहित किया जा सकेगा। कलस्टर खेती के जरिए पूरे चक में उत्पादित फसल का सही डाटा भी मिल सकेगा। इससे किसानों को भी फायदा होगा। 

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