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धार्मिक स्थल व सामाजिक समारोह में तेज आवाज पर लगेगी रोक

प्रदेश के धार्मिक स्थलों व सामाजिक समारोह में अब तेज आवाज में गीत-संगीत अथवा संबोधन पर रोक लगेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार गाईडलाइन बनाने की तैयारी कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 08:28 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 08:28 PM (IST)
धार्मिक स्थल व सामाजिक समारोह में तेज आवाज पर लगेगी रोक
धार्मिक स्थल व सामाजिक समारोह में तेज आवाज पर लगेगी रोक

राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश के धार्मिक स्थलों व सामाजिक समारोह में अब तेज आवाज में गीत-संगीत अथवा संबोधन पर रोक लगेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार गाईडलाइन बनाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण पर चिंता जताते हुए सरकार ने इस दिशा में कदम उठाने का निर्णय लिया है।

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बुधवार को विधानसभा में विधायक देशराज कर्णवाल के सवाल का जवाब देते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रो में ध्वनि प्रदूषण की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक पाई गई है। यह चिंता का विषय है। हालांकि पर्वतीय क्षेत्रों में यह अभी कम है। उन्होंने बताया कि देहरादून में विशेषकर घंटाघर में यह क्रमश: 72.4 और सीएमआइ में 70.08 डेसीबल है। हालाकि पौड़ी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चकराता व जोशीमठ में अभी ध्वनि 45 से 50 डेसीबल मापी गई है। यह स्वीकार्य सीमा के भीतर है। उन्होंने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही सभी से अनुरोध किया है कि वाहन चलाते हुए कम से कम हॉर्न बजाएं। विधायक मुन्ना सिंह चौहान द्वारा सामाजिक व धार्मिक समारोह में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी मांगने पर पर्यावरण मंत्री ने कहा कि अभी रात को 11 बजे के बाद लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध है। उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए शीघ्र ही गाईडलाइन बनाई जाएगी। प्रयास रहेगा कि इसे 65 डेसीबल के मानक के भीतर रखा जाए। हरक बोले, खुद से की है ध्वनि प्रदूषण रोकने की शुरुआत

सदन में ध्वनि प्रदूषण पर जवाब देते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण का असर वह भी महसूस कर रहे हैं। अब उन्होंने तेज आवाज में बोलना छोड़ दिया है। इसी कारण वह सदन में आराम से जवाब दे रहे हैं। उन्होने चुटकी लेते हुए कांग्रेसी विधायक हरीश धामी से कहा कि वह भी अब धीमे आवाज में बात किया करें।


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