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उत्तराखंड में रिवर्स पलायन को प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए अलग विभाग

प्रदेश सरकार रिवर्स पलायन को बढ़ावा देने के लिए प्रवासी उत्तराखडियों के लिए अलग विभाग बनाएगी। सरकार ने वर्ष 2022 तक प्रदेश के हर गांव तक सड़क पहुंचाने का भी निर्णय लिया है।

By Edited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 08:55 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 08:30 AM (IST)
उत्तराखंड में रिवर्स पलायन को प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए अलग विभाग
उत्तराखंड में रिवर्स पलायन को प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए अलग विभाग

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड सरकार रिवर्स पलायन को बढ़ावा देने के लिए प्रवासी उत्तराखडियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए अलग विभाग बनाएगी। हरिद्वार में प्राण त्यागने वाले साधु-संतों को नदी में बहाने के स्थान पर समाधि देने को बढ़ावा देने के लिए समाधि स्थल बनाया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार जमीन मुहैया कराएगी। 

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सरकार ने वर्ष 2022 तक प्रदेश के हर गांव तक सड़क पहुंचाने का भी निर्णय लिया है। 18 वर्ष से अधिक आयु के अनाथ युवाओं को सहारा देने के लिए सरकार वात्सल्य योजना लेकर आएगी। प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार का तीन वर्ष का कार्यकाल आगामी मार्च में पूरा हो रहा है। मुख्यमंत्री आवास में इस अवसर पर मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

इस दौरान सरकार ने चार प्रमुख घोषणाएं की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मौके पर चार प्रमुख निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पलायन रोकने के साथ ही इस समय रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में भी काम कर रही है। पलायन आयोग ने भी इस बात का जिक्र किया है कि प्रवासी उत्तराखंडी प्रदेश में निवेश करने को इच्छुक हैं। 

इसे देखते हुए प्रवासी उत्तराखंडियों की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान के लिए अलग विभाग खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष प्रदेश में कुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है। हरिद्वार में इस दौरान कई साधु-संत अपना शरीर भी त्याग कर देते हैं। अमूमन इनके शरीर को गंगा में ही प्रवाहित कर दिया जाता है। सरकार ने संत समाज से इस संबंध में वार्ता की है। अब व्यवस्था यह बनाई जा रही है कि साधु-संतों को ससम्मान समाधि दी जा सके। इसके लिए हरिद्वार में समाधि स्थल बनाया जाएगा, जिसके लिए जमीन सरकार मुहैया कराएगी। 

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उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 तक प्रदेश के हर गांव तक सड़क पहुंचाने का भी निर्णय लिया है। इस समय कई गांव ऐसे हैं जो सड़क से छूटे हुए हैं। इन तक सड़क पहुंचाई जाएगी। इसके अलावा प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु के निराश्रित युवाओं को गलत मार्ग पर भटकने से रोकने के लिए सरकार वात्सल्य योजना लेकर आएगी।

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