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सचिवालय में तैनात होगा दस वकीलों का पैनल

शासन व विभिन्न विभागों के कोर्ट केस का अंबार लगा हुआ है। तमाम प्रयासों के बावजूद कई बार सरकार को मुंह की खानी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Dec 2018 07:55 PM (IST)Updated: Tue, 25 Dec 2018 07:55 PM (IST)
सचिवालय में तैनात होगा दस वकीलों का पैनल
सचिवालय में तैनात होगा दस वकीलों का पैनल

राज्य ब्यूरो, देहरादून: शासन व विभिन्न विभागों के कोर्ट केस का अंबार लगा हुआ है। तमाम प्रयासों के बावजूद कई बार सरकार को मुंह की खानी पड़ रही है। इसे देखते हुए अब शासन ने लीगल बैटरी को एक्टिव करने का निर्णय लिया है। इसके तहत कोर्ट केस में विभागीय सचिवों को सहयोग करने को सचिवालय में दस वकील तैनात किए जाएंगे। ये वकील विभागीय सचिवों को विभिन्न वादों पर काउंटर ऐफिडेविट बनाने में सहयोग करेंगे। इन वकीलों को जनवरी तक तैनाती दी जाएगी। इसके अलावा शासन ने सभी सचिवों को प्राथमिकता वाले प्रकरणों को चिह्नित कर उन पर विशेष फोकस रखने के भी निर्देश दिए हैं।

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इस समय विभिन्न न्यायालयों में कर्मचारियों के साथ ही विभिन्न सरकारी योजनाओं, सरकार के निर्णयों आदि के मामले लंबित चल रहे हैं। इनमें कई मामलों में पुख्ता पैरवी व सही प्रकार से जवाब न दाखिल करने की बात सामने आई है। हाल ही में हाईकोर्ट शासन के कुछ वरिष्ठ सचिवों को कड़ी फटकार भी लगा चुका है। इससे कहीं न कहीं न्यायिक मामलों में सरकार की कमजोर पैरवी किए जाने की बात भी साबित हो रही थी। हाल ही में हुई सचिव समिति की बैठक में कोर्ट के सख्त निर्णयों का मामला उठा। यह बात सामने आई कि कई लंबित प्रकरणों पर जवाब दाखिल करने में कुछ कमी रही है। इस पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी सचिवों को निर्देश दिए कि वे सप्ताह में एक बार अपने विभाग के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करेंगे ताकि यह देखा जा सके कि किन-किन मामलों में कब कोर्ट के सामने सरकार का पक्ष रखा जाना है। इस दौरान यह बात भी सामने आई कि कोर्ट में इस समय कर्मचारियों के नियमितीकरण व समान पद-समान वेतन आदि ऐसे कई मामले हैं जिनका सरकार पर व्यापक असर पड़ना है। ऐसे प्रकरणों को अलग-अलग कर प्राथमिकता के रूप में लिया जाएगा।

मुख्य सचिव ने इस पर सभी विभागों को निर्देश दिए कि सभी विभाग व्यापक महत्व वाले सभी प्रकरणों को सूचीबद्ध करें और उनके समक्ष लाएं। जिससे कि न्याय व संबंधित विभागों से व्यापक विचार विमर्श कर उनकी समीक्षा की जा सके और सार्थक कदम उठाए जा सकें।

बैठक में न्यायिक मामलों की बढ़ती संख्या और इनमें आने वाले परेशानी को देखते हुए दस वकीलों का पैनल तैयार करने का भी निर्णय लिया गया। जिनको विभाग भी आवंटित किए जाएंगे।


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