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निर्माण सामग्री की दुकानों को केंद्र से मांगी अनुमति

प्रदेश में निर्माण कार्यो को सीमित तरीके से और स्थानीय श्रमिकों के जरिए ही कराया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 10:38 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 06:14 AM (IST)
निर्माण सामग्री की दुकानों को केंद्र से मांगी अनुमति
निर्माण सामग्री की दुकानों को केंद्र से मांगी अनुमति

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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प्रदेश में निर्माण कार्यो को सीमित तरीके से और स्थानीय श्रमिकों के जरिए ही कराया जाएगा। निर्माण कार्यो के लिए जिले के बाहर से भी श्रमिकों को नहीं लाया जा सकेगा। अलबत्ता निर्माण कार्यो के लिए जरूरी सामान सीमेंट, लोहा, सेनिटरी व निर्माण सामग्री की दुकानों को खोलने की अनुमति के लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजा है।

मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को इस मुद्दे पर भी विचार किया। दरअसल जिलों में शहरी निकायों को छोटे निर्माण कार्यो, सड़कों के बनाने को अनुमति मिली है। इसे ध्यान में रखकर राज्य सरकार भी जिला योजना की 50 करोड़ की धनराशि जिलों को जारी कर चुकी है। इस राशि का उपयोग जिला नियोजन समितियों के माध्यम से होगा। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि निर्माण कार्यो के लिए सामान की जरूरत होगी। अभी उपलब्ध सामग्री के आधार पर निर्माण कार्य करने की अनुमति दी गई। उन्होंने बताया कि छोटे निर्माण कार्यो के लिए भी सामान की जरूरत होगी। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय से वार्ता की गई थी। मंत्रालय ने इस पर विस्तार से प्रस्ताव राज्य सरकार से मांगा है। राज्य सरकार इस बारे में जल्द पत्र भेज रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी उद्योग और औद्योगिक क्षेत्रों में सभी उद्योग खोलने की व्यवस्था केंद्र सरकार ने की है। राज्य में 64129 एमएसएमई इकाइयां व 327 वृहद उद्योग पंजीकृत हैं।

पशु आहार की कमी नहीं

प्रदेश में पशु आहार की कमी पर भी मंत्रिपरिषद ने विचार किया। बताया गया कि प्रदेश में पशु आहार की कमी नहीं है। पशुपालन विभाग को सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं के लिए भी चारे की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। बीते दिनों राज्य में पशु आहार की कमी का मुद्दा उछला था। काबीना मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि मनरेगा के तहत गांवों में निर्माण कार्यो को ही शामिल किया गया है। कृषि कार्यो और रबी की फसल की कटाई को इसके दायरे में नहीं लिया गया है। मनरेगा को लेकर केंद्र के निर्देशों का पालन राज्य सरकार कर रही है। इसमें सिंचाई व जल संरक्षण कार्यो को प्राथमिकता दी गई है। लॉकडाउन के दौरान कृषि और संबंधित गतिविधियों, मत्स्य पालन, पशुपालन की अनुमति रहेगी। चाय, कॉफी एवं रबर वृक्षारोपण व संचालन अधिकतम 50 फीसद श्रमिकों के साथ करना होगा।

मानक पालन नहीं तो होंगे दंडित

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर जिलाधिकारी आपदा प्रबंधन एक्ट-2005 के तहत जुर्माना और दंडात्मक कार्रवाई करेंगे। निजी अस्पताल, नर्सिग होम, क्लीनिक व टेलीमेडिसिन सुविधाएं शुरू होंगी। चार पहिया वाहन में सिर्फ एक चालक व पिछली सीट पर अन्य एक व्यक्ति को बैठने की अनुमति है। दुपहिया वाहन में सिर्फ एक व्यक्ति को अनुमति है। प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान सुबह सात से एक बजे तक ढील की व्यवस्था यथावत रहेगी। सिर्फ हॉट स्पॉट क्षेत्रों में यह व्यवस्था नहीं रहेगी।


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