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शौचालय विहीन परिवारों को केंद्र से मांगे सौ करोड़

नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत खुले में शौच मुक्त ग्राम पंचायतों के चिह्नीकरण के लिए वर्ष 2012 में किए गए बेसलाइन सर्वे में गंगा किनारे बसे 132 गांवों के सभी परिवार पूरी तरह से चिह्नित नहीं किए गए थे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 09:49 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 09:49 PM (IST)
शौचालय विहीन परिवारों को केंद्र से मांगे सौ करोड़
शौचालय विहीन परिवारों को केंद्र से मांगे सौ करोड़

राज्य ब्यूरो, देहरादून: नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत खुले में शौच मुक्त ग्राम पंचायतों के चिह्नीकरण के लिए वर्ष 2012 में किए गए बेसलाइन सर्वे में गंगा किनारे बसे 132 गांवों के सभी परिवार पूरी तरह से चिह्नित नहीं किए गए थे। इसके बाद कुछ और परिवार बढ़ने के कारण मौजूदा समय में पूरे प्रदेश में तकरीबन 83,945 परिवार ऐसे हैं जो शौचालय विहीन हैं। इन सभी परिवारों के लिए शौचालय बनाने के उद्देश्य से राज्य ने केंद्र सरकार से 100.73 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि की मांग की है।

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नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा नदी किनारे 132 ग्राम पंचायतों में शौचालयों के संबंध में कैग की रिपोर्ट पर अपर सचिव एवं निदेशक नमामि गंगे डॉ. राघव लांगर ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि शौचालय मुक्त ग्राम पंचायतों की घोषणा जनपदों द्वारा बेसलाइन सर्वेक्षण 2012 के निर्धारित लक्ष्यों के आधार पर की गई। इसके आधार पर इन ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया था। जिन 132 ग्राम पंचायतों के 430 परिवारों जिनका जिक्र रिपोर्ट में है या तो वह बेसलाइन सर्वेक्षण में छूट गए थे अथवा जनसंख्या वृद्धि और परिवारों में बंटवारा होने के कारण बढ़ गए हैं। उन्होंने बताया कि मई 2018 में जनपदों द्वारा किए गए त्वरित सर्वेक्षण के आधार पर पूरे राज्य में अभी 83495 परिवार शौचालय विहीन के रूप में चिह्नित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बेसलाइन सर्वे 2012 के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में चिह्नित 509830 शौचालय विहीन परिवारों में शौचालय निर्माण करने के पश्चात ही सभी जनपदों को खुले में शौच से मुक्त करने की घोषणा की गई थी। परियोजना निदेशक ने बताया कि इनके अतिरिक्त भी 70 हजार अतिरिक्त शौचालयों का निर्माण मनरेगा, आइएवाई, सीएसआर एवं अन्य मदों से कराया गया है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की दिशा-निर्देशिका के अनुसार ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य प्रारंभिक चरण में होने के कारण इसमें कम प्रगति दर्ज की गई है। यह कार्य अब ओडीएफ प्लस गतिविधियों में शामिल करते हुए चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नमामि गंगे के अंतर्गत चयनित 132 ग्राम पंचायतों में से 131 ग्राम पंचायतों के लिए डीपीआर बना ली गई है। केवल चमोली जिले की थराली ग्राम पंचायत की डीपीआर बनाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रस्तावित 183 सामुदायिक स्वच्छता काम्पलेक्स में से 179 में कार्य पूर्ण करा लिए गए हैं।


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