अचानक नारी निकेतन पहुंची राज्यपाल, अव्यवस्थाओं पर नाराज; हर माह देनी होगी रिपोर्ट
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य अचानक नारी निकेतन पहुंची और अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई। उन्होंने जिलाधिकारी और सीएमओ से हर माह रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
देहरादून, [जेएनएन]: राज्यपाल बेबी रानी मौर्य सोमवार को अचानक नारी निकेतन पहुंची और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। नारी निकेतन की हालत पर राज्यपाल ने नाराजगी जताई। उन्होंने जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन और सीएमओ एसके गुप्ता को आदेश दिए कि हर माह उन्हें नारी निकेतन की व्यवस्थाओं पर रिपोर्ट दी जाए। साथ ही नारी निकेतन में स्वास्थ्य सेवाओं व खाने-पीने, रहने, सुरक्षा समेत अन्य व्यवस्थाओं की बेहतरी के लिए गंभीरता से कार्य करने को भी कहा है। इसके अलावा अधिकारियों को भविष्य में संवासिनियों की देखरेख और सुविधाओं में किसी तरह की लापरवाही नहीं होने की हिदायत दी है।
सोमवार को नारी निकेतन के औचक निरीक्षण को पहुंचीं राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को कई खामियां मिलीं। संवासिनियों की नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने पर उन्होंने नाराजगी जताई। इसके साथ ही स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्थाओं में भी कमी पाई गई। जिसे लेकर राज्यपाल ने डीएम एसए मुरूगेशन व सीएमओ एसके गुप्ता को नारी निकेतन समेत अन्य बाल गृहों में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के सख्त निर्देश दिए। साथ ही सीएमओ को सप्ताह में तीन दिन संवासिनियों के स्वास्थ्य की जांच करने को कहा गया है। जबकि, डीएम को नारी निकेतन व अन्य बाल गृहों में खाने-पीने, रहने, सुरक्षा समेत अन्य व्यवस्थाओं की निगरानी को कहा गया है। राज्यपाल ने डीएम और सीएमओ को हर माह सीधे नारी निकेतन व अन्य बाल गृहों की रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए।
पुरुष सुपरवाइर हटाने के आदेश
राज्यपाल ने परिसर में चल रहे निर्माण कार्य की देखरेख के लिए पुरुष सुपरवाइजर की तैनाती पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कई बार नारी निकेतन में अप्रिय घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बावजूद लापरवाही चिंता का विषय है। राज्यपाल ने पुरुष सुपरवाइजर को तत्काल हटाकर महिला सुपरवाइजर की व्यवस्था करने के आदेश दिए। इस पर जिला प्रोबेशन अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल द्वारा दिए गए सभी आदेशों का सख्ती से पालन किया जाएगा।
105 संवासिनियों के लिए 90 बेड
नारी निकेतन में संवासिनियों को रहने के लिए भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। बाल एवं महिला विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य के कुछ हफ्ते पूर्व हुए निरीक्षण में भी यह बात सामने आई थी। इसमें पाया गया था कि संवासिनियों के सोने के लिए पर्याप्त बेड नहीं हैं।
मनोरोग विशेषज्ञ भी नहीं
नारी निकेतन में मानसिक रूप से कमजोर संवासिनियां भी रहती हैं। इनकी मानसिक स्थिति सही नहीं रहती। इसके लिए यहां मनोरोग विशेषज्ञ की भी जरूरत है। लेकिन, इन्हें नियमित रूप से सेवा नहीं मिल पाती। इससे इनकी समस्या कोई समझ नहीं पाता और उनकी मानसिक स्थिति में भी सुधार नहीं हो पाता।
दून विवि छोड़ नारी निकेतन पहुंचीं राज्यपाल
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य सोमवार शाम अचानक नारी निकेतन पहुंच गई। जबकि उनका कार्यक्रम दून विश्वविद्यालय में प्रस्तावित था। बिना किसी पूर्व सूचना के नारी निकेतन में राज्यपाल को देख अधिकारी-कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन से किसी तरह अधिकारी भी पहुंचे। यहां राज्यपाल ने संवासिनियों के स्वास्थ्य का हाल जाना। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नाराजगी जताई और इसमें सुधार के निर्देश दिए। राज्यपाल ने सीएमओ एसके गुप्ता व एसडीएम प्रत्यूष सिंह को मौके पर तलब भी किया। साथ ही भविष्य में संवासिनियों की देखरेख में किसी तरह की कोताही न बरतने के सख्त निर्देश दिए।
दरअसल, राज्यपाल ने नारी निकेतन के कार्यक्रम को पूरी तरह से गोपनीय रखा था। यहां तक कि प्रोटोकॉल और एस्कॉर्ट में लगी पुलिस व अन्य अधिकारियों तक को इसकी भनक नहीं लगी। राजभवन से तय कार्यक्रम के अनुसार राज्यपाल का काफिला दून विश्वविद्यालय को निकला था। लेकिन, राज्यपाल ने अचानक नारी निकेतन चलने का आदेश दिया। राज्यपाल का वाहन अचानक नारी निकेतन की ओर मुड़ा तो साथ चल रही एस्कॉर्ट और स्थानीय पुलिस के हाथ-पांव फूल गए।
नेहरू कॉलोनी इंस्पेक्टर राजेश साह ने बताया कि दून विश्वविद्यालय जाने की सूचना थी। मगर, नारी निकेतन के कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं थी। निरीक्षण की सूचना पर दौड़े अफसर राज्यपाल के नारी निकेतन निरीक्षण की सूचना मिलने पर जिले से लेकर शासन तक के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। खासकर जिलाधिकारी और नारी निकेतन से जुड़े अधिकारी मौके के लिए रवाना हुए। मगर, उनके पहुंचने से पहले ही राज्यपाल निरीक्षण कर लौट गई थीं।
मिठाई-फल लेकर पहुंचीं राज्यपाल खास बात यह रही राज्यपाल संवासिनियों के लिए मिठाई व फल लेकर भी आई थीं। राज्यपाल ने बीमार संवासिनियों को अपने हाथों से मिठाई व फल खिलाए। इसके बाद वह अन्य संवासिनियों से भी मिलने पहुंचीं। मिठाई-फल खाकर संवासिनियां खुश नजर आई।
कई दिनों से बीमार संवासिनियों से फेरे रहे आंखें
राजकीय नारी निकेतन की व्यवस्थाओं पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। करीब एक सप्ताह से नारी निकेतन में 11 संवासिनियों को वायरल था, लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जब चार संवासिनियों की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। ये चारों संवासिनियां मानसिक रूप से कमजोर हैं। जबकि सात अन्य संवासिनियों का इलाज नारी निकेतन में ही चल रहा है।
सोमवार को नारी निकेतन में पूरे दिन अधिकारियों की चहलकदमी रही। चीफ प्रोबेशन अधिकारी मोहित चौधरी व जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सुबह साढ़े 11 बजे नारी निकेतन पहुंचे और संवासिनियों की हालत की जानकारी ली। बाद में लेहमन अस्पताल के चिकित्सकों की टीम भी तैनात की गई। चिकित्सालय प्रशासन ने बताया कि अस्पताल में भर्ती एक संवासिनी को उल्टी-बुखार व अन्य तीन को बुखार है। कहा कि अब संवासिनियों की हालत में सुधार है।
सीएमओ एसके गुप्ता ने बताया कि संवासिनियों को बुखार है। लेकिन, फूड प्वॉइजनिंग की कोई शिकायत नहीं है। डेंगू की संभावनाओं के चलते संवासिनियों का रैपिड टेस्ट भी किया गया, लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आई है। अधीक्षक अवकाश पर, सुधलेवा कोई नहीं विभागीय सूत्रों ने बताया कि नारी निकेतन की अधीक्षक कंचन आर्य एक सप्ताह से अधिक समय से अवकाश पर चल रही थीं।
उन्होंने शनिवार को ही चार्ज संभाला। इस दौरान कर्मचारियों ने संवासिनियों की तबीयत बिगड़ने को गंभीरता से नहीं लिया। शुरू में एक-दो संवासिनियों की ही तबीयत खराब थी, लेकिन ध्यान नहीं देने से अन्य संवासिनियां भी बीमार हो गई। जब अधीक्षक अवकाश के बाद लौटीं तो उन्हें बीमारी की बात पता चली।
बाल कल्याण समिति ने भी लिया संज्ञान संवासिनियों की तबीयत बिगड़ने पर जिला बाल कल्याण समिति भी हरकत में आ गई है। समिति की अध्यक्ष कविता शर्मा ने कहा कि नारी निकेतन की सामान्य संवासिनियां उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आती हैं। लेकिन, मानसिक रूप से कमजोर व 18 वर्ष से कम उम्र की संवासिनियां समिति के अधिकार क्षेत्र में हैं। यदि चारों संवासिनियां मानसिक रूप में कमजोर पाई गई तो समिति भी जांच करेगी।
संवासिनियों से बातचीत पर रोक
अस्पताल में संवासिनियों को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। पुलिस व विभाग के कर्मचारी किसी को संवासिनियों से मिलने नहीं दे रहे। खासकर मीडिया को भी संवासिनियों से मिलने व बातचीत करने से रोका गया है। मंत्री ने भी लिया संज्ञान महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने भी प्रकरण का संज्ञान लिया है। उन्होंने अस्पताल में भर्ती संवासिनियों की हालत की जानकारी ली और विभागीय अधिकारियों से संवासिनियों की देखरेख में कोई कसर नहीं छोड़ने को कहा।
संवासिनियों को रखा गया मेडिसिन विभाग में
डॉ. केसी पंत (सीएमएस, दून अस्पताल) का कहना है कि वायरल से पीड़ित चारों संवासिनियों को मेडिसिन विभाग के वार्ड नंबर तीन में रखा गया है। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. जैनेंद्र कुमार उनका इलाज कर रहे हैं। फिलहाल सभी की हालत सामान्य है। मंगलवार को सभी संवासिनियों का हीमोग्लोबिन, मलेरिया टेस्ट समेत सभी टेस्ट कराए जाएंगे। बताया कि संक्रामक बीमारी होने की वजह से नारी निकेतन की कई संवासिनी इसकी गिरफ्त में आ गई हैं।
यह भी पढ़ें: वायरल के चलते के 23 संवासिनियां हुई बीमार
यह भी पढ़ें: कल्चर टेस्ट: कर्मचारियों की कमी बन रही रोड़ा, जानिए क्यों होता है ये टेस्ट