राजभवन ने दिए अपर सचिव की नियुक्ति के जांच के निर्देश
राजभवन ने अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान की नियुक्ति को लेकर मिली शिकायत पर मुख्य सचिव को प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: राजभवन ने अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान की नियुक्ति को लेकर मिली शिकायत पर मुख्य सचिव को प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिए हैं। आरोप है कि उनकी नियुक्ति उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम-2000 के प्रावधानों के विपरीत एवं विधि विरुद्ध की गई है।
राजभवन को आरटीआइ कार्यकर्ता सीमा भट्ट ने शिकायत की थी कि वित्त विभाग में अपर सचिव के पद पर तैनात अरुणेंद्र चौहान ने उत्तराखंड शासन उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय अनुभाग के स्तर से जारी पत्रांक का अनुपालन नहीं किया है। इस आदेश को जारी करने में भारत सरकार व दोनों राज्यों की सहमति नहीं ली गई। अरुणेंद्र चौहान की नियुक्ति के दौरान उच्चाधिकारियों ने भी तत्कालीन मुख्यमंत्री के सामने सही स्थिति प्रस्तुत नहीं की। शिकायतकर्ता ने कहा कि कि अरुणेंद्र चौहान का नाम दोनों राज्यों की वरिष्ठता सूची उत्तर प्रदेश 2012 में 411 क्रमांक पर और उत्तराखंड वित्त विभाग एवं लेखा संवर्ग ज्येष्ठता सूची 2014 में क्रमांक 19 पर दर्शाया गया है। यह उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के विरुद्ध है। शिकायत कर्ता ने कुछ तथ्य उपलब्ध कराते हुए अरुणेंद्र सिंह चौहान व अन्य अधिकारियों पर मुख्य कोषागार में घोटाले एवं फर्जी भर्तियों के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा जांच के निर्देश दिए जाने की बात भी कही गई है। शिकायत कर्ता ने अरुणेंद्र चौहान को उत्तर प्रदेश कार्यमुक्त करने का अनुरोध भी किया है।
सचिव राज्यपाल आरके सुधांशु ने शिकायतकर्ता के इन तमाम आरोपों का जिक्र करते हुए राज्यपाल की ओर से एक पत्र मुख्य सचिव को प्रेषित किया है, जिसमें इस प्रकरण की जांच का अनुरोध किया गया है।