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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा- विश्वविद्यालय जनहित के प्रति जवाबदेही समझें

उत्‍तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट (से नि) जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता का महत्व समझकर जनहित के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी। राज्‍यपाल ने कुलपतियों को मिशन मोड में काम करने के निर्देश दिए।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 09:53 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 09:53 PM (IST)
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा- विश्वविद्यालय जनहित के प्रति जवाबदेही समझें
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय जनहित के प्रति जवाबदेही समझें।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता का महत्व समझकर जनहित के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कुलपतियों को मिशन मोड में काम करने के निर्देश दिए।

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राज्यपाल ने मंगलवार को राजभवन में सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और उच्च शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को प्रतिष्ठा, गुणवत्ता, शिक्षा स्तर, छात्र केंद्रित व्यवस्था, ब्रांडिंग, इमेजिंग व उच्च मापदंड बनाए रखने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। वर्तमान समय उच्च शिक्षा में शोध, तकनीकी व गुणवत्ता में निवेश का है। राज्य में उच्च शिक्षा के उन्नयन के लिए सभी विश्वविद्यालयों को समरसता के साथ कार्य करना होगा। गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा सभी को मिले, इस लक्ष्य पर आगे बढऩे की आवश्यकता है।

आधुनिक विचारों के संवाहक हैं विश्वविद्यालय

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियां का समन्वित प्रयासों से समाधान खोजना होगा। विश्वविद्यालयों को आधुनिकीकरण, ट्रांसफार्मेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटलाइजेशन व नई टेक्नोलाजी के लिए कार्य करना होगा। कोविड काल ने शिक्षा जगत को स्वायत्तता के बहुत अवसर दिए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नई सोच, आधुनिकतम विचारों व सृजनात्मक दृष्टिकोण के संवाहक हैं। प्राचीन संस्कृति, संस्कृत भाषा, आयुर्वेद के संरक्षण के साथ ही इसे आधुनिकतम तकनीकी के साथ समन्वित कर वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए सभी को काम करना होगा।

नई शिक्षा नीति लागू करने में शिक्षण संस्थाओं की अहम भूमिका

राज्यपाल ने कहा कि राज्य में नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने में शैक्षणिक संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विश्वविद्यालयों की ओर से गोद लिए गए गांवों की जानकारी और कुलपतियों से विश्वविद्यालयों के संबंध में विजन व मिशन व महत्वाकांक्षा के बारे में सुझाव मांगे। उन्होंने मेधावी छात्रों को राजभवन में सम्मानित करने की बात कही। इस अवसर पर उच्च शिक्षा अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, राज्यपाल के सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा, विधि परामर्शी अमित कुमार सिरोही एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद थे।

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