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Uttarakhand Lockdown 4.0: दूनवासियों को नहीं भायी सरकार की रियायत, जानिए क्या कहना है

Uttarakhand Lockdown 4.0 कोरोना संक्रमण के बीच बाजार खोलने के समय में सरकार की ओर से दी गई रियायत का आमजन के साथ व्यापारियों ने भी विरोध किया है।

By Edited By: Published: Sat, 30 May 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 05:28 PM (IST)
Uttarakhand Lockdown 4.0: दूनवासियों को नहीं भायी सरकार की रियायत, जानिए क्या कहना है
Uttarakhand Lockdown 4.0: दूनवासियों को नहीं भायी सरकार की रियायत, जानिए क्या कहना है

देहरादून, जेएनएन। Uttarakhand Lockdown 4.0 दून समेत पूरे प्रदेश में तेजी से पांव पसार रहे कोरोना संक्रमण के बीच बाजार खोलने के समय में सरकार की ओर से दी गई रियायत का आमजन के साथ व्यापारियों ने भी विरोध किया है। व्यापारियों का कहना है कि शाम सात बजे तक बाजार खोलने के निर्णय पर सरकार को दोबारा विचार करना चाहिए। इसको लेकर दून उद्योग व्यापार मंडल के संरक्षक अनिल गोयल की अध्यक्षता में शुक्रवार को व्यापारियों की बैठक भी हुई। 

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बैठक में वक्ताओं ने कहा कि एक ओर प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, जिससे व्यापारियों के साथ आम जनमानस में भी भय की स्थिति है। ऐसे नाजुक वक्त में बाजार खुलने का समय सुबह सात से शाम सात बजे तक करना उचित नहीं है। बाजार खुलने का समय पूर्व की भांति सुबह सात से दोपहर बाद चार बजे तक ही उचित है। व्यापारियों ने डीएम डॉ. अशीष कुमार श्रीवास्तव को इस बारे में ज्ञापन देकर कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए आवश्यक सतर्कता बरतने की मांग की है। 

बैठक में दून उद्योग व्यापार मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल, महामंत्री सुनील मैसोन, राजेंद्र नगर व्यापार संघ के अध्यक्ष डीडी अरोड़ा, पलटन बाजार व्यापार संघ के अध्यक्ष विजय कोहली, बंजारावाला व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेश बडोनी आदि उपस्थित रहे।

बैठक में यह बिंदु भी उठाए गए 

  • कोरोना से जंग लंबी है। इसमें व्यापारी सरकार का सहयोग कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। 
  • व्यापारी कितना भी सावधानी बरतें, सामने वाला कोरोना शुत्र अज्ञात है। 
  • जब कोरोना संक्रमितों की संख्या 50 थी तो संपूर्ण व्यापार बंद था। अब कोरोना संक्रमितों की संख्या 700 पार हो गई है तो बाजार की समयसीमा बढ़ाई जा रही है। 
  • प्रदेश में प्रवासियों की वापसी शुरू होने के बाद व्यापारी वर्ग पर भी कोरोना का खतरा बढ़ा है। 
  • व्यापारियों के परिवार के प्रति सरकार की कोई भी वित्तीय जिम्मेदारी नहीं है। 
  • अगर व्यापारी संक्रमित हो गया तो उसके परिवार पर बहुत बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। 
  • देर शाम तक बाजार खुला रखने का व्यापारी ही नहीं आमजन भी विरोध कर रहे हैं। 
  • लोग ज्यादा समय तक बाहर घूमेंगे तो कोरोना के फैलने का खतरा भी बढ़ेगा। 

इन व्यापार संगठनों ने भी किया विरोध 

राजपुर रोड व्यापार समिति, व्यापार एकता समिति पलटन बाजार, सर्राफा मंडल देहरादून, जीएमएस रोड व्यापार मंडल राजेंद्र नगर व्यापार मंडल, पटेलनगर व्यापार मंडल, चकराता रोड व्यापार मंडल, अखाड़ा बाजार व्यापार समिति, व्यापार मंडल दर्शनी गेट बाबूगंज, पटेल मार्केट एसोसिएशन, गुरुराम राय दुकानदार समिति, देहरादून ऑटोमोबाइल्स डीलर एसोसिएशन, दून इलेक्ट्रीकल कॉन्ट्रैक्टर एंड मर्चेंट एसोसिएशन, उत्तराखंड आइटी ट्रेडर्स एसोसिएशन, कांवली रोड व्यापार संघ, दून उद्योग युवा व्यापार मंडल, आशारोड़ी व्यापार मंडल, केमिस्ट एसोसिएशन देहरादून। 

जानिए दूनवासियों की राय

दून उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन नागलिया का कहना है कि देहरादून समेत पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले जिस प्रकार बढ़ रहे हैं, उससे आमजन से लेकर व्यापारी तक सभी चिंतित हैं। सरकार ने लॉकडाउन 4.0 में बाजार को खुला रखने का जो समय (सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक) तय किया था, वही उचित है। आज सबसे बड़ी चुनौती कमाई करना नहीं बल्कि जिंदगी बचाना है।

दून उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री सुनील मैसोन का कहना है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 700 पार हो चुका है। ऐसे समय में बाजार को सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक खुला रखने का निर्णय उचित नहीं है। व्यापारी से लेकर आमजन तक में भय की स्थिति है। सरकार को दुकानें चार बजे तक ही खुली रखने की इजाजत देनी चाहिए। 

डीएवी पीजी कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष निखिल शर्मा ने कहा, जिस तरह कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं, उसे देखते हुए अभी बाजार को पूरा दिन खोलने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए शारीरिक दूरी का नियम बेहद जरूरी है। बाजार खुलने से इस नियम की पूरी तरह अनदेखी होगी।

डीबीएस पीजी कॉलेज के सेवानिवृत्त प्राचार्य ओपी कुलश्रेष्ठ कहते हैं कि कोरोना के मामले जिस प्रकार बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए लगता है कि हमें बाजार में भीड़ कम करने की दिशा में सोचना चाहिए। कोरोना की दवा तो बनी नहीं है। ऐसे में शारीरिक दूरी ही कोरोना संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय है। इसलिए दिन में 12 घंटे बाजार खुला रखना जोखिम भरा हो सकता है।

सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि दून में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में बाजार में लोगों की भीड़ को नियंत्रित करना बेहद आवश्यक हो गया है। व्यापारियों ने भी बाजार के सीमित समय की माग को लेकर सराहनीय पहल की। इसी के अनुरूप बाजार पहले की तरह सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक ही खोलने की बाध्यता जरूरी है।

प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एन. रविशंकर कहते हैं, जो लोग कार्यालय जाते हैं, वह पांच बजे काम समाप्त होने के बाद खरीदारी कर सकेंगे। इस लिहाज से समय बढ़ाना ठीक है। मगर, इस तरह की व्यवस्था हो कि व्यापारी अपने स्तर पर दोपहर को एक से चार बजे तक बाजार बंद रखें। इससे भीड़ भी कम होगी और लोगों को जरूरी सामान खरीदने में परेशानी भी नहीं होगी। 

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल ने कहा कि बाजार का समय बढ़ाना उचित नहीं है। इस समय जब संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है तो सरकार को समय बढ़ाने की बजाय घटाना चाहिए था। 12 घंटे दुकानें खोलने से संक्रमण रोकना मुश्किल हो जाएगा। कोर्ट में भी दो बजे के बाद सन्नाटा हो जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा न रहे। 

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बार एसोसिएशन के सचिव अधिवक्ता अनिल कुमार का कहना है कि अगर 12 घंटे बाजार खोलना है, तो लॉकडाउन का क्या फायदा। पहले 10 घंटे बाजार खुलता था, अब सरकार ऐसे समय में 12 घंटे बाजार खोल रही है, जो उचित नहीं है। हां, ऐसा हो सकता है कि सुबह सात बजे खुलने के बाद दोपहर 12 बजे बाजार बंद कर दिया जाए और शाम को दो घंटे खोला जाए। सारी दुकानें खोलना भी उचित नहीं है। क्रम से दुकानें खोली जानी चाहिए। 

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