आपदा प्रभावित सेब उत्पादकों को राहत देगी सरकार, पढ़िए पूरी खबर
राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित सेब उत्पादकों को राहत देने का निश्चय किया है। उद्यान मंत्री ने क्षति के आकलन के निर्देश दिए हैं।
By Edited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 08:08 PM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 07:48 PM (IST)
v style="text-align: justify;">देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तरकाशी के आराकोट समेत अन्य सेब उत्पादक क्षेत्रों में सेब की बंपर पैदावार के बावजूद आपदा ने इस पर ग्रहण लगा दिया है। कई जगह आपदा के चलते सेब के बागीचे बर्बाद हो गए हैं तो संपर्क मार्ग बंद होने से बची हुई फसल के भी खराब होने का खतरा मंडराने लगा है। आर्थिकी के इस अहम जरिये पर चोट पहुंचने से सेब उत्पादकों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। इससे राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है। इसी कड़ी में सरकार ने आपदा प्रभावित सेब उत्पादकों को राहत देने का निश्चय किया है। उद्यान मंत्री ने क्षति के आकलन के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड के 11 जिलों के पर्वतीय इलाकों में 25318 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की पैदावार होती है। यह यहां की प्रमुख नकदी फसलों में शुमार है। इस मर्तबा मौसम के साथ देने से सेब की रिकार्ड पैदावार थी, मगर आपदा ने इससे अच्छी आय के सपनों पर ग्रहण लगा दिया है। आपदा प्रभावित उत्तरकाशी जिले को ही लें तो वहां सर्वाधिक करीब नौ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की खेती होती है। इसमें भी वहां आराकोट क्षेत्र की भागीदारी 40 फीसद से ज्यादा है। सेब को सबसे ज्यादा नुकसान यहीं हुआ है।
उत्तराखंड सेब उत्पादक एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद उनियाल बताते हैं कि आराकोट क्षेत्र के सेब उत्पादक दोहरी मार झेल रहे हैं। एक तो आपदा से हुआ नुकसान और उस पर आर्थिकी के सबसे अहम जरिये सेब को भी चोट पहुंची है। उन्होंने बताया कि हिमाचल से लगे इस क्षेत्र को जोड़ने वाले रास्ते बंद हैं। वहां के सेब उत्पादक न तो बची हुई फसल को उत्तराखंड के अन्य हिस्सों में पहुंचा पा रहे और न ही हिमाचल में। ऐसे में सेब की बची हुई फसल के खराब होने का खतरा मंडराने लगा है।
उधर, राज्य सरकार ने भी इस मसले को गंभीरता से लिया है। उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी कह चुके हैं कि सेब उत्पादकों को राहत दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कड़ी में आराकोट समेत अन्य क्षेत्रों में सेब की फसल को हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। क्षति के संबंध में जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसके आधार पर प्रभावित सेब उत्पादकों को राहत देने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
प्रमुख सेब उत्पादक जिले
जिला, क्षेत्रफल (हेक्टेयर में)
उत्तरकाशी, 8955.03
देहरादून, 4894.54
टिहरी, 3828.27
पिथौरागढ़, 1615.00
अल्मोड़ा, 1577.00
नैनीताल, 1243.32
चमोली, 1201.69
पौड़ी, 1127.00
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