Move to Jagran APP

निजी स्‍कूलों के बाद बच्चों की जिम्मेदारी लेने को सरकारी शिक्षकों ने भी खड़े किए हाथ, जानिए क्‍या बोले अभिभावक

प्रदेश में अगले महीने से स्कूल खोलने की तैयारियां तेज हो गई हैं लेकिनज्यादातर अभिभावक पहले ही स्कूल ना खोलने के पक्ष में हैं। उधर निजी स्कूलों के बाद अब सरकारी स्कूलों ने भी छात्र की जिम्मेदारी लेने से हाथ खड़े कर दिए हैं।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 03:15 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 09:27 PM (IST)
निजी स्‍कूलों के बाद बच्चों की जिम्मेदारी लेने को सरकारी शिक्षकों ने भी खड़े किए हाथ, जानिए क्‍या बोले अभिभावक
प्रदेश में अगले महीने से स्कूल खोलने की तैयारियां तेज हो गई हैं।

देहरादून,जेएनएन। प्रदेश में अगले महीने से स्कूल खोलने की तैयारियां तेज हो गई हैं, लेकिन मानसिक तौर पर इसके लिए कोई तैयार नहीं दिख रहा। ज्यादातर अभिभावक पहले ही स्कूल ना खोलने के पक्ष में हैं। उधर, निजी स्कूलों के बाद अब सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने भी छात्र-छात्रओं की जिम्मेदारी लेने से हाथ खड़े कर दिए हैं। प्रदेश में बोर्ड कक्षाओं के लिए दो नवंबर से स्कूल खोले जा रहे हैं। स्कूल खुलने से पहले शिक्षकों ने सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं की कोरोना जांच करवाने की मांग उठाना शुरू कर दिया है।

loksabha election banner

राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केके डिमरी का कहना है कि सरकार को अपने खर्च पर सभी का कोरोना टेस्ट करवाना चाहिए। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद स्कूल में एंट्री दी जानी चाहिए। डिमरी ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि सभी उपाय अपनाने के बाद भी संक्रमण से बचा जा सके। एक दफा कोरोना जांच निगेटिव आने के कुछ दिन के भीतर संक्रमण हो सकता है। ऐसे में स्कूलों में समय-समय पर पूर्ण जांच होनी जरूरी है। उन्होंने यह भी साफ किया कि शिक्षक केवल अपनी जिम्मेदारी पर छात्र-छात्रओं को स्कूल बुलाने के पक्ष में नहीं हैं। अभिभावकों, प्रशासन और सरकार को भी इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी। शिक्षक बोले, संक्रमण होने पर केवल स्कूल या शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं, जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।

 इनका कहना है 

अभिभावक सीमा पाल का कहना है कि मेरी बेटी 12वीं कक्षा में है। घर की दूसरी जिम्मेदारियों के चलते लॉकडाउन में वह ठीक से पढ़ाई नहीं कर सकी। अगले महीने से स्कूल खुलने की बात चल रही है। स्कूल खोलना ठीक तो है, लेकिन सुरक्षा के पूरे इंतजाम होने चाहिए। 

अभिभावक ओम प्राकश गुप्‍ता ने कहा कि स्कूल खुलने के बाद छात्र छात्राओं को कोरोना संक्रमण ना हो, इसके लिए सभी संभव उपाय अपनाए जाएंगे। इसके बाद भी अगर कोई संक्रमण की चपेट में आता है तो उसके लिए शिक्षक या फिर स्कूल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं। वहीं, प्राथमिक शिक्षक संघ देहरादून के जिला महामंत्री प्रमोद सिंह रावत का कहना है कि बोर्ड कक्षा के छात्र-छात्रओं के लिए स्कूल खोलने का निर्णय सही तो है, लेकिन छात्र-छात्रओं की सुरक्षा के कड़े प्रबंध करने होंगे। इसके अलावा बच्चों की सुरक्षा की गारंटी अकेले अभिभावक नहीं, बल्कि स्कूल और सरकार को भी लेनी होगी। 

राजकीय शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष केके डिमरी का कहना है कि स्कूल खुलने के बाद सरकार और विभाग को यह तय करना होगा कि शिक्षकों की ड्यूटी दूसरे किसी कार्यों में ना लगाई जाए, ताकि पढ़ाई ठीक से हो। यह भी ध्यान में रखना होगा कि छात्र को संक्रमण होने पर अकेले शिक्षक को जिम्मेदार ना ठहराया जाए। 

 यह भी पढ़ें: यहां कोरोना संक्रमित 89 मरीजों की मौत का रिकॉर्ड दबाए रहे अस्पताल, जानिए

केंद्रीय विद्यालयों को एसओपी तैयार करने के निर्देश 

प्रदेश के केंद्रीय विद्यालयों ने भी अगले महीने से बोर्ड कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। देहरादून संभागीय उपायुक्त मीनाक्षी जैन ने प्रदेश के सभी 43 केंद्रीय विद्यालयों को अपने स्तर से एसओपी बनाकर संभागीय दफ्तर में भेजने की निर्देश दिए हैं। उपायुक्त ने कहा कि हर विद्यालय की अपनी-अपनी छात्र संख्या और शिक्षक संख्या है। ऐसे में हर विद्यालय को उनके स्तर से एसओपी तैयार करने की छूट दी गई है। 

यह भी पढ़ें: कुट्टू के आटे की पकौड़ी खाने के बाद बिगड़ी 50 से ज्यादा लोगों की तबीयत, अस्पताल में भर्ती


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.