Move to Jagran APP

नगर निगम के नए वार्डों में सरकारी जमीनों की बंदरबांट का खेल

नगर निगम में शामिल किए गए 72 गांवों में इन दिनों जमकर सरकारी जमीनों की बंदरबांट का खेल चल रहा है। एक भी पूर्व प्रधान ने ग्राम सभा का बस्ता नगर निगम में जमा नहीं कराया।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 09:23 AM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 12:17 PM (IST)
नगर निगम के नए वार्डों में सरकारी जमीनों की बंदरबांट का खेल
नगर निगम के नए वार्डों में सरकारी जमीनों की बंदरबांट का खेल

देहरादून, जेएनएन। नगर निगम में शामिल किए गए 72 गांवों में इन दिनों जमकर सरकारी जमीनों की बंदरबांट का खेल चल रहा है। स्थिति यह है कि अभी तक एक भी पूर्व प्रधान ने ग्राम सभा का बस्ता नगर निगम में जमा नहीं कराया। नियमानुसार ये बस्ते उसी समय कलेक्ट्रेट या नगर निगम में जमा हो जाने चाहिए थे, जब सरकार ने गांवों को निगम में शामिल करने की अधिसूचना जारी की थी। 

loksabha election banner

लगभग आठ माह बाद भी बस्ते जमा न होना बड़े सवाल खड़े कर रहा है। अब नगर निगम ने तय किया है कि वे बस्ते उसी सूरत में जमा करेगा, जब संबंधित गांव की जमीनों का भौतिक सत्यापन होगा। 

नगर आयुक्त विजय जोगदंडे ने बताया कि बस्ते जमा न करने के पीछे सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द करना वजह हो सकता है। यदि जमीनों पर अतिक्रमण पाया गया तो पूर्व प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी इसके कसूरवार होंगे व उनकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। 

नगर निगम में 72 गांव शामिल होने के बाद दून शहर का क्षेत्रफल 196 वर्ग किमी का हो चुका है। पहले निगम का क्षेत्रफल 64 वर्ग किमी था। अब नए जुड़े 72 गांवों की जमीनें नगर निगम में हस्तांतरित होनी हैं लेकिन अभी तक पूर्व प्रधानों और ग्राम पंचायत अधिकारियों ने जमीनों व आर्थिक मामलों से जुड़े दस्तावेजों का बस्ता निगम को नहीं सौंपा है। 

ऐसे में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की आशंका बढ़ती जा रही है। इसे लेकर नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदंडे ने शासन को पत्र भेज निगम क्षेत्र में शामिल इन गांवों में सरकारी जमीनों के खुर्दबुर्द होने की आशंका जताई है। 

इसके साथ ही नगर आयुक्त ने बताया कि जो नए वार्डों हैं, उनमें अतिक्रमण की स्थिति जांची जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि कहीं पर जमीन को लेकर कोई विवाद या मुकदमा तो नहीं है। जांच के बाद निगम अतिक्रमण व जमीन विवाद से जुड़े मामलों की सूची बनाएगा। साथ ही इससे संबंधित क्षेत्र में जो भी उस वक्त प्रधान रहे होंगे और ग्राम पंचायत अधिकारी होंगे, उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। 

33 वार्ड में पूरी तरह नए

गांवों के शामिल होने के बाद निगम में 33 वार्ड ऐसे हैं, जो पूरी तरह नए क्षेत्र के हैं। हालांकि, निगम में वार्डों की संख्या में 40 का इजाफा हुआ है। पहले निगम क्षेत्र में 60 वार्ड थे, जबकि अब 100 हो चुके हैं। नगर आयुक्त ने बताया कि सात वार्डों में आंशिक रूप से नया क्षेत्र जुड़ा है। 

जनवरी में होगी बोर्ड बैठक

नगर निगम के नए बोर्ड की पहली बैठक अब दिसंबर अंत में नहीं जनवरी के मध्य में होगी। नए बोर्ड के सत्ता संभालने और अन्य तकनीकी दिक्कतों की वजह से नगर निगम प्रशासन अभी बोर्ड बैठक के प्रस्ताव तैयार नहीं कर सका है। नगर आयुक्त द्वारा सभी अनुभागों को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया है। 

हड़ताली 120 सफाई कर्मी बर्खास्त

महज 14 दिन में ही स्थायी नियुक्ति की मांग पर हड़ताल पर अडिग आउट-सोर्स के 120 सफाई कर्मियों को नगर निगम प्रशासन ने बर्खास्त कर दिया है। नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदंडे की ओर से हड़तालियों को मंगलवार सुबह तक काम पर वापस लौटने का अल्टीमेटम दिया गया था लेकिन कर्मी नहीं मानें। इस पर कंपनी से अनुबंध खत्म कर हड़ताली कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। 

गुस्साए कर्मियों ने नगर निगम परिसर में हंगामा व नारेबाजी भी की और धरने पर डटे रहे, मगर निगम प्रशासन ने उनकी कोई भी बात सुनने से इन्कार कर दिया। 

नए वार्डों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मंगलवार से नाला गैंग के 121 कर्मियों व पुराने वार्ड से दो-दो कर्मी को नियुक्त कर सफाई कार्य कराया गया। गांवों के शामिल होने के बाद शहर में वार्डों की संख्या 60 से बढ़कर 100 हो चुकी है। नए वार्डों में निगम की प्राथमिकता सफाई और लाइटों को दुरुस्त करना है। इसी संबंध में निगम ने आउट-सोर्स के जरिए बीती चार दिसंबर को 120 सफाई कर्मियों को शहर से सटे नए वार्डों में काम के लिए नियुक्ति दी थी। 

महज 14 दिन के बाद ही ये कार्मिक खुद को स्थायी करने की मांग लेकर लामबंद हो गए हैं। सोमवार को ये कर्मचारी निगम पहुंचे और हंगामा करते हुए हड़ताल पर चले गए। दरअसल, कर्मियों का आरोप है कि वे कईं माह से नए वार्डों में कार्य कर रहे हैं और उस दौरान उनका वेतन निगम जारी कर रहा था। 

अब निगम ने बीती चार दिसंबर से उन्हें एक आउट-सोर्स एजेंसी के अधीन कर दिया। वे मांग कर रहे हैं कि उन्हें वापस निगम के अधीन किया जाए पर निगम अधिकारियों ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया। 

कर्मी काम पर नहीं लौटे और निगम परिसर में नारेबाजी व धरना-प्रदर्शन किया। नगर आयुक्त जोगदंडे ने सख्त कार्रवाई करते हुए हड़ताल कर रहे सभी 120 कर्मियों को बर्खास्त कर दिया।

यह भी पढ़ें: अब इस महीने से हाउस टैक्स का किया जाएगा भौतिक सत्यापन, जानिए

यह भी पढ़ें: देहरादून नगर निगम क्षेत्र में बढ़ा हाउस टैक्स, जानिए

यह भी पढ़ें: सीएम बोले, दून की सड़क मेट्रो परियोजना के लिहाज से उपयुक्त नहीं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.