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उत्तराखंड में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार उठा रही है ये कदम, जानिए

सरकार ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इस क्रम में सरकार पाखरो में टाइगर सफारी कॉर्बेट टाईगर रिजर्व में एक सींग के गैंडे को लाने और उत्तरकाशी में हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र की स्थापना करने की तैयारी कर रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 06:45 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 06:45 AM (IST)
उत्तराखंड में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार उठा रही है ये कदम, जानिए
इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार उठा रही है कदम।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड सरकार ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इस क्रम में सरकार पाखरो में टाइगर सफारी, कॉर्बेट टाईगर रिजर्व में एक सींग के गैंडे को लाने और उत्तरकाशी में हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र की स्थापना करने की तैयारी कर रही है। बुधवार को एक सवाल के लिखित जवाब में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में ईको टूरिज्म के कई गंतव्य संरक्षित क्षेत्रों और आरक्षित वन क्षेत्रों में हैं। 

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संरक्षित क्षेत्र में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान, गोविंद राष्ट्रीय उद्यान, नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान, राजाजी टाइगर रिजर्व और फूलों की घाटी शामिल है। वन्यजीव विहार में अस्कोट कस्तूरा मृग वन्यजीव विहार, बिनसर वन्यजीव विहार, गोविंद वन्यजीव विहार, केदारनाथ वन्यजीव विहार, विनोग वन्यजीव विहार, नंधौर वन्यजीव विहार, सोननदी वन्यजीव विहार शामिल हैं। इसके अलावा आसन कंजरर्वेशन रिजर्व, झिलमिल कंजर्वेशन रिजर्व, पवलगर कंजर्वेशन रिजर्व ओर नैना देवी हिमालयी पक्षी कंजर्वेशन रिजर्व शामिल हैं। 

अन्य क्षेत्रों में धनोल्टी ईको पार्क, सिमतोला ईको पार्क, कैडिया ईको पार्क, लच्छीवाला नेचर पार्क, नीरझरना, हिमालय बॉटेनिकल गार्डन, संजय वन, चौरासी कुटिया, जेबी पंत हाई एल्टीट्यूड जू, देहरादून जू, हर्बल गार्डन व ईको पार्क व कॉर्बेट म्यूजियम, कार्बेट फाल शामिल हैं। 

प्रदेश में इस साल सबसे कम वनाग्नि की घटनाएं

प्रदेश में इस साल वनाग्नि की सबसे कम घटनाएं हुई हैं। इस वर्ष केवल 200 हेक्टेयर वन क्षेत्र में आग लगी। वहीं, 2019 में 3000 हेक्टेयर और 2018 में 4500 हेक्टेयर वन क्षेत्र में आग लगी थी। वन मंत्री हरक सिंह रावत ने एक लिखित जवाब में बताया कि जनता के बढ़ते सहयोग और विभागीय कार्यक्रमों की वजह से इनमें कमी आई है। 

वन भूमि पर काबिज परिवारों को पट्टे पर जमीन देने की योजना नहीं  

प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि वन भूमि पर काबिज लोगों को नजराना लेकर पट्टा देने की कोई योजना  नहीं है। वन मंत्री हरक सिंह रावत ने लिखित जवाब में कहा कि यह प्रकरण नीतिगत है और वर्तमान में इस पर कोई विचार नहीं चल रहा है। 

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प्रदेश में 102 मलिन बस्तियां अधिसूचित

प्रदेश में 102 मलिन बस्तियां अधिसूचित की गई है। यह जानकारी देते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि नगर निकायों में स्थित मलिन बस्तियों के सुधार विनियमितीकरण, पुर्नवासन, पुर्नव्यवस्थापन और अतिक्रमण निषेध नियमावली के तहत 102 मलिन बस्तियां अधिसूचित की गई हैं। इनके विनियमितीकरण को एक समिति का गठन किया गया है।

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