उत्तराखंड में अब प्रधानाचार्यों के लिए नहीं तरसेंगे इंटर कॉलेज
राज्य के इंटर कॉलेज अब प्रधानाचार्यों के लिए नहीं तरसेंगे। सरकार रिक्त पदों पर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापकों को प्रभारी प्रधानाचार्य के रूप में तैनात करने की तैयारी कर रही है
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश के इंटर कॉलेज अब प्रधानाचार्य विहीन नहीं रहेंगे। सरकार अब इन रिक्त पदों पर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापकों को प्रभारी प्रधानाचार्य के रूप में तैनात करने की तैयारी कर रही है। अभी पांच साल तक प्रधानाध्यापक रहने वाले ही प्रधानाचार्य बन सकते हैं। अन्य प्रधानाध्यापकों को प्रभारी प्रधानाचार्यों के रूप में तैनात करने के लिए सरकार इनकी सेवा नियमावली की शर्तों को शिथिल करने की तैयारी कर रही है।
प्रदेश में इस समय कई इंटर कालेज प्रधानाचार्य विहीन चल रहे हैं। इनकी संख्या पर्वतीय जिलों में अधिक है। प्रधानाचार्य न होने के कारण इंटर कालेज का वरिष्ठ अध्यापक ही कार्यवाहक प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। इससे न केवल इंटर कॉलेजों में पठन-पाठन की व्यवस्था प्रभावित हो रही है बल्कि विद्यालयों के कार्यों की निगरानी व अन्य कई योजनाओं के लागू होने में दिक्कतें आ रही हैं। इतना ही नहीं शिक्षक-अभिभावकों के बीच होने वाली बैठकें भी इससे प्रभावित हो रही हैं। जिस शिक्षक के पास यह दायित्व रहता है उसकी कक्षाएं भी इससे प्रभावित होती हैं।
अब प्रदेश में 31 मार्च को प्रधानाचार्यों के सेवानिवृत्त होने के कारण 615 नए पद खाली हो रहे हैं। ऐसे में संकट और गहरा रहा है। इस संबंध में हाल ही में शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक कर इस स्थिति से निपटने पर मंथन किया। आखिरकार, इसका रास्ता निकाल ही लिया गया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि अब प्रधानाध्यापकों को प्रभारी प्रधानाचार्य के तौर पर तैनाती देने की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि इस मसले को कैबिनेट में लाकर सेवा नियमावली में संशोधन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले सत्र से प्रदेश के इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्यों की कमी नहीं रहेगी।
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