coronavirus के बहाने सरकारी संस्थानों ने पढ़ाई से बनाई दूरी, पढ़िए पूरी खबर
लॉकडाउन की अवधि में घर बैठे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित न हो इसे लेकर निजी विश्वविद्यालय तो चिंतित दिखाई दे रहे हैं लेकिन राजकीय विवि और कॉलेज नहीं।
By Edited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 01:57 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सभी शिक्षक संस्थान को 14 अप्रैल तक बंद किया गया है। लॉकडाउन की अवधि में घर बैठे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित न हो इसे लेकर निजी विश्वविद्यालय तो चिंतित दिखाई दे रहे हैं, लेकिन राजकीय विवि और कॉलेजों से कोरोना संक्रमण की तरह ही पढ़ाई से दूरी बनाई हुई है।
प्रदेश में श्रीदेव सुमन विवि और उसके पचास से अधिक राजकीय महाविद्यालय हैं। कई निजी और अशासकीय महाविद्यालयों में भी फिलहाल ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था नहीं की गई है। हालांकि इन संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए पहले से कोई साधन सुविधाएं नहीं हैं। ऐसे में ऐन मौके पर संस्थान पाठ्यक्रम को कैसे ऑनलाइन करते यह आसान काम नहीं है, लेकिन फिर भी कॉलेज और विवि प्रशासन अपने स्तर पर कुछ विषयों की ऑनलाइन पढ़ाई या सिलेबस को लेकर शिक्षकों की सलाह तो दे ही सकते हैं।
ये विवि बने अन्यों के लिए उदाहरण
ग्राफिक एरा विवि, उत्तराचंल विवि और डीआइटी विवि जैसे निजी विवि ने कोरोना संक्रमण को लेकर जिस दिन से शिक्षण संस्थानों को बंद किया उसके अगले दिन से ही ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है। शिक्षक बकायदा हर रोज छात्रों को सिलेबस ऑनलाइन उपलब्ध करवाते हैं और अगले दिन ऑनलाइन ही मूल्यांकन रिपोर्ट छात्रों को भेज रहे हैं। उत्तरांचल विवि के कुलाधिपति जितेंद्र जोशी ने इसकी पुष्टि की। गढ़वाल विवि की ऑनलाइन पढ़ाई केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की स्वयं योजना के तहत एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पठन-पाठन सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है।
विवि के स्वयं योजना के संचालक डॉ. अजय सेमल्टी ने कहा कि सभी ऑनलाइन शिक्षण के लिंक्स छात्रों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिसके लिए दस लिंक हैं। लॉकडाउन अवधि को लेकर गढ़वाल केंद्रीय विवि भी पूर्ण रूप से बंद है। कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने ऑनलाइन माध्यमों से शिक्षण कार्य को जारी रखने पर विशेष जोर दिया हुआ है, जिसमें विवि की फैकल्टियों और शोध छात्राओं द्वारा विशेष योगदान दिया जा रहा है।
भौतिक विज्ञान, फार्मास्यूटिकल, आइटी, कैमिस्ट्री के साथ अन्य विषयों की फैकल्टियां भी कार्य कर रही हैं। भौतिक विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. आलोक सागर गौतम द्वारा इलेक्ट्रिसिटी एंड मैग्नेटियम-दो, न्यूमेरिकल इंटेजिनेशन, एमएससी कम्प्यूट्रिकल फिजिक्स, आरती बहुगुणा द्वारा आइटी नोट्स, डॉ. नितिन सती द्वारा एंट्रिनल ड्रग्स पर आडियो और वीडियो कंटेंट्स ऑनलाइन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें