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प्रदेश में छोटे बच्चों की भिक्षावृत्ति पर लगाई रोक

शासन ने पूरे प्रदेश में छोटे बच्चों को भीख देने पर रोक लगा दी है। इसके तहत इन्हें भीख देने वालों को भी दंड देने का प्रावधान किया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 08 Apr 2017 12:53 PM (IST)Updated: Sun, 09 Apr 2017 06:00 AM (IST)
प्रदेश में छोटे बच्चों की भिक्षावृत्ति पर लगाई रोक
प्रदेश में छोटे बच्चों की भिक्षावृत्ति पर लगाई रोक

 देहरादून, [विकास गुसाईं]: शासन ने पूरे प्रदेश में छोटे बच्चों को भीख देने पर रोक लगा दी है। इसके तहत इन्हें भीख देने वालों को भी दंड देने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा धार्मिक स्थलों के आसपास भिक्षावृत्ति पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है। इन स्थानों पर किसी को भी भिक्षा देना अपराध की श्रेणी में आएगा। 

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इसका उल्लंघन करने वालों को आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया गया है। यदि कोई दान देना ही चाहता है तो वह इनके लिए भंडारा अथवा इन्हें के निवास स्थान पर भोजन करा सकता है। शासन की ओर से सभी जिलाधिकारियों को इस आदेश का सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।

उत्तराखंड हाईकोर्ट की ओर से बीते वर्ष दिसंबर में सभी पूजा स्थलों पर भिक्षावृत्ति पर रोक लगाई गई थी। यह रोक हरिद्वार में पहले से ही लागू है। यह बात अलग है कि हरिद्वार में सबसे अधिक भिक्षावृत्ति होती है। इस पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है। अब शासन ने हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन के क्रम में सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर इस पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। 

इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि धार्मिक स्थलों पर किसी को भी भिक्षावृत्ति की अनुमति नहीं होगी। छोटे बच्चों को भिक्षा देना गंभीर अपराध की श्रेणी में आएगा। इतना ही नहीं, यदि कोई इन बच्चों को भिक्षा के लिए जबरदस्ती कराएगा तो उसे भी आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। यहां तक कि बच्चों को चौराहों अथवा अन्य किसी स्थान पर समान बेचना, जूता पॉलिश करना अथवा कार चमकाने के लिए भी पैसा देना गैरकानूनी होगा। 

यदि ऐसा करता कोई बच्चा पकड़ा गया, तो उसके लिए उसके अभिभावकों को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। शासन ने यह स्पष्ट किया है कि यदि किसी को दान दक्षिणा देनी ही है तो वह चौराहे व मंदिरों में न देकर इनके निवास स्थान पर जाकर दें। इसके अलावा बच्चों की बंधुआ मजदूरी व अन्य प्रकार की मजदूरी पर भी रोक लगाई गई है। उक्त निर्देशों का पालन करने के लिए चाइल्ड लाइन, श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग व पुलिस की एक संयुक्त टीम बनाने के निर्देश दिए हैं। ये टीमें जगह-जगह जांच अभियान चलाएंगी। इसके अलावा शिकायतों पर भी यही टीमें कार्यवाही करेंगी। 

अपर सचिव समाज कल्याण मनोज चंद्रन ने बताया कि इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। भीख मांगना ही नहीं, भीख देना भी इसकी श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि भिक्षावृति में लगे बच्चों के अभिभावकों को जागरूक कराने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। इस व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाएगा।

होटल खाने के लिए नहीं कर सकते मना

यदि कोई व्यक्ति गरीब व बस्ती के बच्चों को किसी बड़े होटल अथवा रेस्टोरेंट में खाना खिलाना चाहता है तो होटल अथवा रेस्टोरेंट इसके लिए इन्कार नहीं कर सकते। यदि कोई ऐसा करता है तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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