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मानसून सत्र: पीठ के निर्देश, सदन में गंभीरता से उत्तर दे सरकार

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा सदन में त्रुटिपूर्ण उत्तर प्रस्तुत करने से सरकार की उदासीनता नजर आती है। सदन में गंभीरता से उत्तर दिए जाने चाहिए।

By Edited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 08:31 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 12:12 PM (IST)
मानसून सत्र: पीठ के निर्देश, सदन में गंभीरता से उत्तर दे सरकार
मानसून सत्र: पीठ के निर्देश, सदन में गंभीरता से उत्तर दे सरकार

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: सदन में विधायकों के सवाल पर सरकार की ओर से सही जवाब न आने पर पीठ ने नाराजगी जताई। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा सदन में त्रुटिपूर्ण उत्तर प्रस्तुत करने से सरकार की उदासीनता नजर आती है। सदन में गंभीरता से उत्तर दिए जाने चाहिए। उन्होंने गलत उत्तर देने वाले अधिकारियों पर उचित कार्रवाई के भी निर्देश दिए। बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान पीठ ने यह निर्देश भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना द्वारा पूछे गए सवाल पर आए सरकार के जवाब पर विधायक के आपत्ति जताने के बाद दिया।

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दरअसल, विधायक जीना ने सरकार से चीड़ के वृक्षों से निकलने वाले लीसा के संबंध में जानकारी मांगी थी। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि प्रदेश के निरीक्षण भवनों में लीसा को खुले में रखा गया है। उन्होंने इससे निरीक्षण भवनों में रहने वाले अतिथियों, अधिकारियों व कर्मचारियों के जानमाल के नुकसान की आशंका जताई। इसके अलावा उन्होंने यह भी पूछा कि इन्हें कब तक सुरक्षित स्थानों पर रखा जाएगा। सरकार ने अपने जवाब में कहा कि कहीं भी निरीक्षण भवनों में लीसा खुले में नहीं रखा गया है।

इस पर विधायक जीना ने जवाब को गलत बताते हुए कहा कि अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में सल्ट विधानसभा के मानिला स्थित निरीक्षण भवन की तस्वीर सदन में प्रस्तुत की, जिसमें खुले में लीसा रखा हुआ नजर आ रहा था। हालांकि, बाद में वन मंत्री ने इस मामले में गलती स्वीकारी लेकिन तब तक पीठ ने मामले को अपने हाथ मे ले लिया।

पीठ ने मामले को गंभीर बताया और कहा कि इस मामले में संशोधित उत्तर दिया जाए। उन्होंने कहा कि सदन में उत्तर गंभीरता से दिए जाने चाहिए। सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्हें सदन के भीतर वही उत्तर दिया जो उन्हें अधिकारियों ने उपलब्ध कराया था। मामले का परीक्षण किया जा रहा है। मामला सही पाए जाने पर संबंधित डीएफओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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