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श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति बोले, आइडियल कैंपस बनेगा ऋषिकेश महाविद्यालय

श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी ने कहा कि विश्वविद्यालय के कैंपस कॉलेज राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश को एक आइडियल कैंपस बनाया जाएगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 04:13 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 04:13 PM (IST)
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति बोले, आइडियल कैंपस बनेगा ऋषिकेश महाविद्यालय
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति बोले, आइडियल कैंपस बनेगा ऋषिकेश महाविद्यालय

ऋषिकेश, जेएनएन। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी ने कहा कि विश्वविद्यालय के कैंपस कॉलेज राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश को एक आइडियल कैंपस बनाया जाएगा। इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कैंपस कॉलेज में ढांचागत व्यवस्थाओं के लिए 50 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी गई है। 

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शनिवार को विश्वविद्यालय के कैंपस कॉलेज राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश पहुंचे कुलपति प्रो. बीपी ध्यानी ने विश्वविद्यालय के कैंपस से संबंधित व्यवस्थाओं का जायजा लिया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक महाविद्यालय की भूमि व संपत्ति विश्वविद्यालय को हस्तांतरित नहीं हो पाई है। उन्होंने अवगत कराया कि इस संबंध में शासन ने दो जुलाई को डीएम देहरादून को स्थानांतरण संबंधी प्रक्रिया के लिए आदेशित किया है। ऋषिकेश को कैंपस कॉलेज के तौर पर एक आइडियल कैंपस बनाए जाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि पहले चरण में महाविद्यालय की बाउंड्री वॉल के लिए तीन करोड़ 75 लाख रुपए की डीपीआर शासन को भेजी गई है। इसके अलावा कैंपस कॉलेज में प्रशासनिक भवन, ऑडिटोरियम, हॉस्टल तथा अन्य ढांचागत निर्माण किए जाने हैं। जिसके लिए ब्रिडकुल के माध्यम से 50 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार कर शासन को भेज दी गई है।कुलपति प्रो. ध्यानी ने बताया कि कैंपस कॉलेज में प्राध्यापक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए प्रदेश स्तर पर विकल्प मांगे गए हैं। उन्होंने बताया कि परिसर महाविद्यालय में एक प्राचार्य 70 प्राध्यापक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों सहित 124 पद स्वीकृत हैं, जिसमें महाविद्यालय में वर्तमान में तैनात स्टाफ का भी समायोजन किया जाना है। 

शेष पदों पर भी शीघ्र नियुक्ति की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कुलपति के तौर पर कार्यभार संभालने के पश्चात उन्होंने विश्वविद्यालय की कार्य संस्कृति में आमूलचूल परिवर्तन लाने के प्रयास किए हैं। मान्यता प्रणाली को पारदर्शी बनाया गया है। यही वजह है कि नए महाविद्यालयों के 177 आवेदनों पर उन्होंने आपत्ति लगाई है। मान्यता संबंधी आवेदनों के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई है। जिसके लिए 30 जुलाई को विश्वविद्यालय का हुए पोर्टल किया गया है। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने परीक्षा व्यवस्था को बेहतर कर तथा नकल विहीन परीक्षा की दिशा में आगे बढ़कर काम किया है। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सुधा भारद्वाज भी मौजूद रही। 

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विवि में जल्द शुरू होगी पीएचडी 

कुलपति प्रो. पीपी ध्यानी ने कहा कि श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि को बने भले ही सात वर्ष का समय हो गया है। मगर अभी तक विवि की आधारभूत संरचना भी तैयार नहीं हो पायी है। पिछले कुछ समय के प्रयासों से अब स्थिति में कुछ हद तक सुधार आया है। शासन स्तर पर भी तमाम औपचारिकताओं को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही विवि में पीएसडी शुरू करायी जाएगी। इसमें राज्य की भौगोलिक, सांस्कृतिक और लोकशौली को प्राथमिकता दी जाएगी।

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