'औरंगजेब' में दिखी पिता के प्रेम की झलक और सत्ता का संघर्ष Dehradun News
इंदिरा पार्थसारथी कृत औरंगजेब नाटक का मंचन किया गया। नाटक में जहां पिता प्रेम की झलक दिखाई दी वहीं सत्ता संघर्ष भी नजर आया।
देहरादून, जेएनएन। नगर निगम सभागार में इंदिरा पार्थसारथी कृत औरंगजेब नाटक का मंचन किया गया। नाटक में एक ओर जहां पिता प्रेम की झलक दिखाई दी, वहीं सत्ता संघर्ष और इसके बाद पछतावे की कहानी को कलाकारों ने जिस ढंग से प्रस्तुत किया, उसने उपस्थित सभी लोगों को प्रभावित किया।
नाटक में 1657 ईसवीं के उस दौर को दिखाया गया है, जब शाहजहां अपने बड़े दरा शिकोह को बादशाह बनाने का ऐलान करता है। कहानी में दिखाया गया है कि शाहजहां अपने बेटे से ताजमहल की तर्ज पर एक स्याह महल बनाने का वादा लेता है। दारा सिंह वादा तो कर देता है, लेकिन हर कोई स्याह महल के खिलाफ है।
जब शाहजहां बीमार पढऩे लगता है तो इसके बाद उनके बेटों के बीच सत्ता संघर्ष शुरू हो जाता है। नाटक में शाहजहां की भूमिका महेश नारायण, औरंगजेब की भूमिका अखिलेश नारायण, रोशनआरा की जागृति कोठारी, दारा शिकोह की आकाश गुप्ता ने निभाई।
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