30 सेकेंड के लिए सीसीटीवी कैमरे हुए बंद, बालिका निकेतन से भागी लड़कियां
बालिका निकेतन में शनिवार रात सीटीवी कैमरे 30 सेकेंड तक बंद कर दिए गए। इसके बाद पांचों लड़कियां वहां से फरार हो गए।
देहरादून, [जेएनएन]: बालिका निकेतन से पांचों लड़कियां किसी न किसी की मिलीभगत से सुनियोजित तरीके से फरार हुई थीं। मामले की जांच के लिए निदेशक की ओर से गठित की गई कमेटी की जांच रिपोर्ट से ये बात साफ हो गई है। वजह ये है कि जिस वक्त लड़कियां फरार हो रही थीं, उसी वक्त बालिका निकेतन का सीसीटीवी कैमरा बंद कर दिया गया। जांच कमेटी ने इस घटनाक्रम पर कई सनसनीखेज सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद निदेशक ने मामले की विस्तृत जांच के लिए शासन को पत्र भेजते हुए पुलिस से जांच कराने की मांग की है। जिसमें डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी शामिल हों।
16 दिसंबर को केदारपुरम स्थित बालिका निकेतन से पांच लड़कियां रात को फरार हो गई थीं। स्टॉफ ने दस बजे पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद सवा दस बजे पुलिस ने लड़कियों को टीएचडीसी, टिहरीनगर से बरामद कर लिया। 17 दिसंबर को निदेशक समाज कल्याण मेजर योगेंद्र यादव ने मुख्य परिविक्षा अधिकारी वंदना सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर और जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट की जांच कमेटी बनाते हुए तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। गुरुवार को रिपोर्ट निदेशालय पहुंची।
कब बंद हुआ कैमरा
रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार रात 09 बजकर 21 मिनट तक सीसीटीवी कैमरा ठीक तरीके से काम कर रहा था। 21 मिनट के बाद 30 सेकेंड तक कैमरा बंद कर दिया गया। हैरत की बात ये है कि इसी 30 सेकेंड में लड़कियां बालिका निकेतन से बाहर निकलीं। यही नहीं, कैमरे के काम करने के बारे में पूछे जाने पर स्टाफ का कोई सदस्य कुछ भी बोलने को तैयार नहीं।
अन्य भी कई सवाल
लड़कियों के भागने के ऐन वक्त पर सिर्फ कैमरा ही खराब नहीं हुआ, बल्कि हमेशा स्टाफ की निगरानी में रहने वाली गेट की चाबी भी भागने वाली लड़कियों को मिल गई और बिना किसी को नजर आए उन्होंने मुख्य गेट खोला और आराम से बाहर चली गईं। 09 बजकर 21 मिनट पर लड़कियां फरार हुईं और पुलिस को इसकी सूचना 39 मिनट बाद यानी दस बजे दी गई। यही नहीं, हैरत की बात ये भी है कि पुलिस को सूचना देने के बाद मात्र 500 मीटर की दूरी पर लड़कियों को बरामद भी कर लिया गया। घटनाक्रम में इतने सारे संयोग से निदेशालय भी हैरान है।
बाल कल्याण समिति ने खड़े किए थे सवाल
जांच में जिस तरह का घटनाक्रम सामने आ रहा है, वह बाल कल्याण समिति की जांच से मिलता-जुलता नजर आ रहा है। समिति ने नेहरू कॉलोनी पुलिस को पत्र भेजकर पांच बिंदुओं पर गोपनीय जांच करने को कहा था। इसमें समिति ने लड़कियों के भागने का कारण, क्या कोई व्यक्ति लड़कियों को भागने के लिए उकसा रहा है, विद्यालय आते-जाते समय या निकेतन में कौन लोग इन लड़कियों के संपर्क में आते हैं, एक लड़की का कुछ दिन पूर्व विवाह कराया गया, उसकी जांच की जाए और क्या कोई मानव तस्करी गिरोह तो यहां पर सक्रिय नहीं है।
स्टाफ पर गिरेगी गाज
सूत्रों की मानें तो निदेशालय ने बालिका निकेतन पर गाज गिराने की तैयारी कर ली है। फिलहाल निदेशालय चिह्नित स्टाफ का विकल्प तलाश रहा है। जिसके बाद प्रथम कार्रवाई के रूप में हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके अलावा जांच में दोषी पाए जाने वालों पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
निदेशक (समाज कल्याण) मेजर योगेंद्र यादव का कहना है कि जांच में जिस तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे संदेह पैदा हो रहा है कि कहीं ये घटनाक्रम सुनियोजित तरीके से नहीं हुआ। घटनाक्रम में कई संयोग भी शक पैदा कर रहे हैं। इससे मामला गंभीर प्रतीत हो रहा है। इसलिए निदेशालय ने जिलाधिकारी के माध्यम से व एक जांच पुलिस से कराने की मांग की है।
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