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उत्तराखंड में अब मंत्री स्वयं करेंगे अपने आयकर का भुगतान, विधेयक पारित

उत्तराखंड में अब मंत्री अपने आयकर का भुगतान स्वयं करेंगे। सदन में प्रस्तुत उत्तराखंड मंत्री (वेतन भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध)(संशोधन) विधेयक पारित कर दिया गया।

By Edited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 10:13 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 08:26 AM (IST)
उत्तराखंड में अब मंत्री स्वयं करेंगे अपने आयकर का भुगतान, विधेयक पारित
उत्तराखंड में अब मंत्री स्वयं करेंगे अपने आयकर का भुगतान, विधेयक पारित

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में अब मंत्री अपने आयकर का भुगतान स्वयं करेंगे। सदन में प्रस्तुत उत्तराखंड मंत्री (वेतन भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध)(संशोधन) विधेयक पारित कर दिया गया।

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अविभाजित उत्तर प्रदेश में वर्ष 1981 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के समय सभी मंत्रियों का आयकर सरकार द्वारा चुकाए जाने की व्यवस्था आरंभ की गई थी। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद से अब तक, यानी पिछले 38 वर्षों से यह व्यवस्था यथावत चल रही थी। इस व्यवस्था की अप्रासंगिकता का मामला दैनिक जागरण ने गत 14 सितंबर के अंक में उठाया था। इसके बाद सरकार ने मंत्रियों का आयकर सरकार द्वारा भुगतान करने की व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया।

बीते वर्ष सरकार ने उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध (संशोधन) विधेयक पारित कर विधायकों और मंत्रियों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी की थी। सरकार ने मंत्रियों का वेतन 45 हजार से बढ़ाकर 90 हजार किया गया और मंत्री के रूप में मिलने वाले उनके अन्य भत्ते भी बढ़ाए गए। 

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अलग-अलग मदों में मिलने वाले भत्ते 42 हजार से बढ़ाकर 84 हजार, 36 हजार रुपये से बढ़ाकर 72 हजार और 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 40 हजार रुपये किए गए। चिकित्सा व ऋण आदि की सुविधाएं विधायकों के समान ही रखी गई। मंत्रियों को कुल लगभग 4.40 लाख रुपये प्रति माह वेतन और भत्तों के रूप में मिल रहे हैं। दैनिक जागरण द्वारा मामला उठाए जाने के बाद सरकार ने इसके कुछ समय पहले कैबिनेट के जरिये मंत्रियों का आयकर न भरने का फैसला लिया था। और बुधवार को विधानसभा में संबंधित विधेयक लाया गया था। आज इसे सदन में पारित कर दिया गया। 

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