Uttarakhand Lockdown: उत्तराखंड में अब खड़ा हुआ जेनरिक दवा का संकट
प्रदेश में अब जेनरिक दवा का भी संकट होने लगा है। जन औषधि केंद्रों पर मरीजों को अपनी जरूरत की दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। सपोर्टेशन एवं कोरियर सुविधा उपलब्ध न होने से यह समस्या आई।
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश में अब जेनरिक दवा का भी संकट होने लगा है। जन औषधि केंद्रों पर मरीजों को अपनी जरूरत की दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। हालांकि, जनऔषधि केंद्र के संचालकों को उम्मीद है कि जल्द समस्या दूर होगी। बताया गया कि ट्रांसपोर्टेशन एवं कोरियर सुविधा उपलब्ध न हो पाने के कारण गुरुग्राम स्थित वेयरहाउस से यहां दवाएं नहीं पहुंच पा रही हैं।
प्रदेश में कुल 202 जनऔषधि केंद्र हैं। अकेले देहरादून में ही इसके 40 स्टोर हैं। दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन, गांधी शताब्दी समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में करीब 10 स्टोर हैं तो बाकी 30 स्टोर शहरभर में प्राइवेट खुले हुए हैं।
बता दें, जनऔषधि केंद्र पर जेनरिक दवाएं बेची जाती हैं, जो कि एथिकल ब्रांडेड दवाओं से काफी सस्ती होती हैं। यही वजह है कि जब से जनऔषधि केंद्र खुले हैं, बड़े पैमाने पर लोग ये दवाएं लेने लगे हैं। बहरहाल, लॉकडाउन से पैदा हुए संकट ने इन दवाओं की आपूर्ति को भी बाधित किया है।
बताया गया कि वर्तमान में जेनरिक स्टोर्स पर लोगों को जरूरत की दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। उधर, जनऔषधि केंद्रों के उत्तराखंड हेड गौरव तिवारी ने बताया कि जेनरिक स्टोर में दवाओं की दिक्कत ट्रांसपोर्टेशन न होने की वजह से पैदा हुई है। इस समय कोरियर सर्विस भी नहीं चल रही है।
पहले जरूरत के मुताबिक दो से तीन कार्टन रोजाना मंगा लिए जाते थे, लेकिन अभी ट्रांसपोर्ट न होने के कारण दिक्कत हो रही है। उनके अनुसार राज्य स्तर पर सभी केंद्रों को निर्देशित किया गया है कि उनके पास जो दवाएं उपलब्ध हैं, वह मरीजों को उपलब्ध कराएं।
बॉर्डर पर भी रोक ली जा रही गाड़ियां
केंद्र सरकार ने दवाओं को अति-आवश्यक वस्तु में शामिल किया है। बावजूद तमाम राज्यों के बॉर्डर पर दवाओं के वाहनों को भी रोककर परेशान किया जा रहा है। यही नहीं, शहर में खुल रहे तमाम मेडिकल स्टोर्स को दिनभर खोलने के आदेश हैं, लेकिन पुलिस सुबह सात से दोपहर एक बजे की अवधि के तत्काल बाद मेडिकल स्टोर बंद करा दे रही है।
बाहरी क्षेत्रों के मेडिकल स्टोर पर केवल मास्क और सेनिटाइजर
शहर में दवा का नया स्टॉक आने लगा है। बाहरी इलाकों में दवा का संकट बना हुआ है। यहां मेडिकल स्टोर पर मास्क और सेनिटाइजर तो पर्याप्त मात्र में उपलब्ध हैं। अन्य दवाओं का टोटा है।
ऐसे में क्षेत्रवासियों को दवा के लिए शहर आना पड़ रहा है। मेरठ और गाजियाबाद से आपूर्ति शुरू होने के बाद दून के दवा डिस्ट्रीब्यूटरों के पास पर्याप्त स्टॉक पहुंचने लगा है। शहर के मेडिकल स्टोरों पर भी अधिकतर दवाएं उपलब्ध हैं। हालांकि शहर के बाहरी क्षेत्रों में आमजन को दवा नसीब नहीं हो रही है।
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यहां ज्यादातर मेडिकल स्टोर के पास दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, मास्क और सेनिटाइजर आप जितने मर्जी ले लीजिए। अगर कोई और दवा चाहिए हो तो शहर आना पड़ रहा है। मेडिकल स्टोर संचालकों का तर्क है कि अन्य दवाओं की मांग कम है।
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