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20 फरवरी की महारैली को जनरल-ओबीसी कार्मिकों ने कसी कमर

उत्तराखंड जनरल-ओबीसी कार्मिकों ने 20 फरवरी को प्रस्तावित प्रदेशव्यापी महारैली के लिए कमर कस ली है। एसोसिएशन ने विभिन्न संगठनों को रैली में शामिल होने का न्योता दिया है।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 12:57 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 12:57 PM (IST)
20 फरवरी की महारैली को जनरल-ओबीसी कार्मिकों ने कसी कमर
20 फरवरी की महारैली को जनरल-ओबीसी कार्मिकों ने कसी कमर

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड जनरल-ओबीसी कार्मिकों ने 20 फरवरी को प्रस्तावित प्रदेशव्यापी महारैली के लिए कमर कस ली है। इस संबंध में एसोसिएशन ने विभिन्न संगठनों से समर्थन की अपेक्षा करते हुए रैली में शामिल होने का न्योता दिया है।

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उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन पदोन्नति पर लगी रोक और सीधी भर्ती में लागू नवीन रोस्टर प्रणाली को यथावत रखने की मांग को लेकर आंदोलनरत है। इसके तहत 20 फरवरी को महारैली निकालकर सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया जाएगा। 

रैली को सफल बनाने के लिए एसोसिएशन ने कमर कस ली है। अन्य संगठनों को रैली में शामिल कर एसोसिएशन सरकार को अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में है। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि एसोसिएशन के तमाम सदस्य महारैली को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद राज्य सरकार पदोन्नति में लगी रोक नहीं हटा रही है। इस संवेदनशील प्रकरण को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। 

कहा कि सरकार की हीलाहवाली के कारण सामान्य और ओबीसी वर्ग के अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षकों के हित प्रभावित हो रहे हैं और भविष्य पर भी खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में कार्मिकों के पास आंदोलन के अलावा कोई चारा नहीं है। इसी क्रम में 20 को होने वाली महारैली में सभी सामान्य व ओबीसी वर्ग के कार्मिकों से शत-प्रतिशत शामिल होने की अपील की गई है।

इनसे मांगा समर्थन

- उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच।

- उत्तराखंड राज्य पूर्व सैनिक संगठन।

- उत्तराखंड राज्य वैश्य महासभा।

- अखिल गढ़वाल सभा।

- उत्तरांचल कूर्मांचल परिषद।

-सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर्स संगठन।

-अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा।

-अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा।

यह रहेगी आंदोलन की रूपरेखा

गुरुवार 20 फरवरी को उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले बड़ी संख्या में सामान्य व ओबीसी वर्ग के प्रदेशभर के कार्मिक सुबह साढ़े दस बजे देहरादून स्थित परेड मैदान में एकत्रित होंगे। यहां से केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पुतले की शवयात्रा निकालकर तिब्बती मार्केट, दर्शन लाल चौक, घंटाघर, राजपुर रोड, दिलाराम चौक, हाथीबड़कला होते हुए सीएम आवास कूच करेंगे। इसके साथ ही अनिश्चितकालीन हड़ताल और प्रदेशव्यापी आंदोलन पर भी निर्णय लिया जाएगा।

रैली की तैयारियों पर चर्चा

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से प्रस्तावित रैली की तैयारियों पर चर्चा की गई। परिषद की प्रांतीय प्रवक्ता गुड्डी मटूड़ा ने बताया कि मंगलवार को रैली की सफलता के लिए हाई पावर कोर कमेटी की बैठक हुई। बताया कि सभी जिलों से बड़ी संख्या में कार्मिक दून पहुंचकर रैली में भाग लेंगे। बैठक में ठाकुर प्रह्लाद सिंह, नंद किशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भट्ट, राकेश प्रसाद ममगाईं, ओमवीर सिंह, एसपी सेमवाल, भरत सिंह नेगी, भूपेंद्र भंडारी आदि उपस्थित थे।

हक की लड़ाई को तैयार संगठन

उत्तरांचल (पर्वतीय) कर्मचारी शिक्षक संगठन ने भी महारैली को लेकर मुट्ठियां तान ली हैं। रैली को सफल बनाने के लिए संगठन ने सभी सदस्यों को अनिवार्य रूप से रैली में शामिल होने के निर्देश दिए हैं। साथ ही हक की लड़ाई में पीछे न हटने का एलान किया है। संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी ने कहा कि पिछले छह माह से पदोन्नति पर लगी रोक के कारण कई कार्मिक बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो गए। यही नहीं, वर्तमान कार्मिकों का भविष्य भी खतरे में है।

छुट्टी लेकर किया प्रचार

सामान्य व ओबीसी वर्ग के अधिकारी, कर्मचारियों ने मंगलवार को छुट्टी लेकर महारैली का प्रचार किया। तमाम संबंधित संगठनों व सामान्य, ओबीसी वर्ग के कार्मिकों को व्यक्तिगत रूप से रैली में शामिल होने को प्रेरित किया गया। दून में आलम यह रहा कि सामान्य व ओबीसी वर्ग के अधिकांश कार्मिक मंगलवार को दफ्तरों में नहीं दिखे। उधर, रैली के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन भी तैयारियों में जुटा हुआ है। 

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पदोन्नति में आरक्षण की मांग

दलित सेना ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को पदोन्नति में आरक्षण देने की मांग की। दलित सेना के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विनोद कटारिया ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों को पूर्व में पदोन्नति में आरक्षण दिया जा रहा था। 

इस संबंध में न्यायालय ने भी सरकार को उचित निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। कहा कि अन्य राज्यों में भी पदोन्नति में आरक्षण दिया जा रहा है। ऐसे में उत्तराखंड में इस बाबत शासनादेश जारी होना आवश्यक है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है।

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