बंद हुए राजाजी और जिम कॉर्बेट के गेट, पांच महीने बाद उठा पाएंगे रोमांच का लुत्फ
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क और राजाजी टाइगर रिजर्व के दरवाजे सैलानियों के लिए बंद कर दिए गए हैं।
देहरादून, जेएनएन। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क और राजाजी टाइगर रिजर्व के दरवाजे सैलानियों के लिए बंद कर दिए गए हैं। अब दोनों राष्ट्रीय पार्कों के गेट नवंबर में खुलेंगे। यानि सैलानियों को यहां के रोमांच का लुत्फ उठाने के लिए पांच महीनों का इंतजार करना होगा।
बता दें कि राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के गेट हर साल 15 नवंबर को खोले जाते हैं। जिससे सात महीने से पार्क में देश-विदेश के सैलानी दो पालियों में जंगल सफारी कर जंगली जानवरों के दीदार कर पाते हैं। पार्क के अंदर दो पालियों सुबह और शाम को पर्यटकों को घुमाने के लिए भेजा जाता था, लेकिन बरसात का मौसम शुरू होने से पहले हर साल 15 जून को पार्क के गेट बंद कर दिए जाते हैं। जिससे बरसात के समय पार्क में भ्रमण करने के लिए बनाया गया ट्रैक गीला होने से ट्रैकिंग करने से कोई अप्रिय घटना न घट सके। इसी के मद्देनजर शनिवार को पार्क के डायरेक्टर पीके पात्रो ने चीला रेंज के पार्क के मुख्य द्वार पर पहुंचकर गेट को सैलानियों के लिए बंद कर दिया।
कॉर्बेट में पांच महीने के लिए बंद हुआ रात्रि विश्राम
पर्यटकों से गुलजार रहने वाले विश्वविख्यात कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब पांच महीने के लिए रात्रि विश्राम बंद हो गया है। अब यह सुविधा मुख्य पर्यटन जोन ढिकाला खुलने के साथ ही शुरू होगी। ढिकाला जोन शुक्रवार शाम से बंद कर दिया गया है। बीते वित्तीय वर्ष मार्च तक कॉर्बेट में 283281 पर्यटक पहुंचे थे। पार्क को पर्यटकों से 86454812 करोड़ का राजस्व मिला था। जो पूर्व के साल की तुलना में 11.37 लाख रुपये कम था।
बीते साल नवंबर के तीसरे सप्ताह में कॉर्बेट पार्क का ढिकाला जोन सैलानियों के लिए खोला गया था। उसके बाद से यहां पूरे सत्र के दौरान देशी-विदेशी सैलानियों का तांता लगा रहा है। शुक्रवार शाम के बाद यहां रात्रि विश्राम के लिए पर्यटकों की नो इंट्री हो गई। जो पर्यटक कॉर्बेट में रूके है वह शनिवार दोपहर तक बाहर आ जाएंगे। मानसून सत्र के मद्देनजर कॉर्बेट प्रशासन हर साल बरसात को देखते हुए सैलानियों की सुरक्षा के लिए इस जोन को 15 नवंबर तक के लिए बंद कर देता है। अंतिम दिन रविवार को ढिकाला जोन में सैलानियों की काफी भीड़ रही। विश्राम गृह पर्यटकों से पूरी तरह फुल रहे। अंतिम दिन सैलानियों ने ढिकाला जोन के अंदर भ्रमण कर वन्य जीवों को निहारा।
वर्ष पर्यटक राजस्व
2015-16 283308 91987796
2016-17 291038 96863894
2017-18 284807 87592703
2018-19 283281 86454812
अब वन्यजीवों के आराम में नहीं पड़ेगा खलल
विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट पार्क का ढिकाला पर्यटन जोन बंद हो जाने से अब पार्क के अंदर मौजूद वन्य जीवो के आराम में अब खलल नहीं पड़ेगा। बता दें कि पर्यटक सीजन के चलते वन्यजीवों को नजदीक से निहारने के फेर में अकसर पर्यटक उनके बिल्कुल नजदीक चले जाया करते थे। जिस कारण कई बार बाघ ओर गजराजों द्वारा गाहे बगाहे पर्यटकों पर हमले की घटनाएं भी सामने आती रही है। अब छह माह के लिए ढिकाला जोन बंद हो जाने से वन्य जीवों के बीच मानव की दखलंदाजी बंद हो जाने से कम से कम नवंबर तक वन्यजीव खुद प्रकृति के बीच स्वच्छंद रूप से विचरण कर सकेंगे। यह बात दीगर है कि ढिकाला जोन बंद हो जाने से जिप्सी चालकों ,नेचर गाइडों के चेहरों पर इस समय मायूसी जरूर है। मगर पर्यटकों का दबाव झेल रहे सीटीआर कर्मियों को कुछ हद तक ढिकाला बंद होने से राहत भी मिली है। बता दें कि रात्रि विश्राम के लिए कॉर्बेट पार्क के ढिकाला जोन के अंतर्गत ढिकालाए, गैरल,सर्पदुली, खिनानैली विश्राम गृह पर्यटकों की पहली पसंद होने के कारण वनकर्मी पर्यटकों का सबसे ज्यादा दबाव यहां ही झेलते रहते है।
30 से बिजरानी भी बंद
कॉर्बेट पार्क का बिजरानी पर्यटन जोन भी 30 जून को बंद हो जाने के बाद कॉर्बेट का सीजन लगभग समाप्त सा हो जाएगा। तब केवल झिरना ओर ढेला क्षेत्र की पर्यटकों के लिए खुला रहेगा।
रात्रि विश्राम बंद होने से रोजगार पर असर
कॉर्बेट पार्क में रात्रि विश्राम तो बंद हो ही गया है। अब 15 दिन बाद एक दिवसीय भ्रमण के लिए बिजरानी जोन भी बंद हो जाएगा। ऐसे में पर्यटन बंद होने का सीधा असर सबसे ज्यादा यहां के रोजगार पर पड़ेगा। अब इससे पांच महीने तक पर्यटन कारोबार प्रभावित हो जाएगा। एक तरह से कॉर्बेट पार्क रामनगर की आर्थिक रीढ़ है। कॉर्बेट पार्क से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सैकड़ों घर परिवार जुड़े हैं। कॉर्बेट में ढाई सौ जिप्सियां पंजीकृत है। इन जिप्सियों से इतने ही चालक, वाहन मालिकों को रोजगार मिला है।
सके अलावा होटल, रिसॉर्ट, नेचर गाइड, टूर ऑपरेटर व दूरबीन किराए पर देने वाले, नेचर शॉप संचालकों के रोजगार पर असर पड़ेगा। इतना ही नहीं रामनगर का बाजार भी इससे प्रभावित होगा। क्योंकि पर्यटन सीजन में बाजार से चिकन, मटन, मछली, अंडा, आटा, चावल, दाल, पानी समेत सभी तरह की खाद्य सामग्री रामनगर से ही सौ से अधिक होटलों व कॉर्बेट में कैंटीनों में सप्लाई होती है। पर्यटक भी रामनगर में घूमने के दौरान बाजार से सामान खरीदकर ले जाता है। ऐसे में इन सबका असर यहां के रोजगार पर पडऩा तय है। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीमान सिंह ने बताया कि अधिकांश लोग कॉर्बेट पर निर्भर है। पर्यटन बंद होने से इससे जुड़े लोगों का रोजगार पांच महीने के लिए प्रभावित हो जाता है।
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