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एजेंसी संचालक बोले- सिलेंडर की डिलीवरी पर डॉक सिस्टम न थोपे गैस कंपनियां, जानें- क्या है DOC

देहरादून में घरेलू गैस सिलेंडर की डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डॉक) सिस्टम से होगी। यानी गैस एजेंसी में उपभोक्ताओं के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर गैस सिलेंडर की डिलीवरी के समय वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा। इसे दिखाने के बाद ही डिलीवरी ब्वॉय उपभोक्ताओं को सिलेंडर देगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 04:09 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 12:34 AM (IST)
एजेंसी संचालक बोले- सिलेंडर की डिलीवरी पर डॉक सिस्टम न थोपे गैस कंपनियां, जानें- क्या है DOC
सिलेंडर की डिलीवरी पर डॉक सिस्टम न थोपे गैस कंपनियां।

देहरादून, जेएनएन। एक नवंबर से देहरादून में घरेलू गैस सिलेंडर की डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डॉक) सिस्टम से होगी। यानी गैस एजेंसी में उपभोक्ताओं के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर गैस सिलेंडर की डिलीवरी के समय वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा। इसे दिखाने के बाद ही डिलीवरी ब्वॉय उपभोक्ताओं को सिलेंडर देगा। हालांकि, गैस एजेंसी संचालक इस सिस्टम को पूरी तरह व्यवहारिक नहीं मानते और शुरू से ही इसे लागू किए जाने का विरोध जता रहे हैं। सोमवार को एलपीजी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जिला पूर्ति अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर यह व्यवस्था अनिवार्य न करने की मांग की है।

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एलपीजी एसोसिएशन के अध्यक्ष चमन लाल की अगुवाई में एजेंसी संचालक जिला पूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी से मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि गैस कंपनियों को यह व्यवस्था थोपनी नहीं चाहिए, बल्कि इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करना चाहिए। सबसे जरूरी यह है कि व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू न हो, क्योंकि ऐसा होने से कई उपभोक्ताओं को सिलेंडर नहीं मिल सकेगा। 

सबसे बड़ी समस्या उन लोग के साथ है, जिनके मोबाइल नंबर और घर के पते गैस एजेंसी में अपडेट नहीं है। ऐसे लोगों के घर गैस सिलेंडर डिलीवरी नहीं हो पाएगी। इसके अलावा कामकाजी उपभोक्ता गैस डिलीवरी के समय घर पर नहीं होते। ऐसे में इन उपभोक्ताओं को सिलेंडर उपलब्ध करवाने में समस्या आएगी, जो वृद्ध या विकलांग जो अकेले रह रहे हैं और उनकी गैस बुक उनके बच्चे या रिश्तेदार करते हैं, उनको भी सिलेंडर डिलीवरी कारने में परेशानी झेलनी पड़ेगी।

चमन लाल ने बताया कि इन सभी लोग व्यवस्था बनानी जरूरी है, उसके बाद ही इस सिस्टम को लागू करने का फायदा है। एसोसिएशन की मांग है कि कम से कम त्योहारी सीजन में तो यह व्यवस्था बिल्कुल लागू नहीं होनी चाहिए। जिला पूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह ने एजेंसी संचालकों ने उनकी मांग पर उचित कार्यवाई का आश्वासन देते हुए तीनों गैस कंपनी को पत्र लिखकर डॉक व्यवस्था हर किसी के लिए अनिवार्य न कर व्यवहारिक समस्याओं का ध्यान रखने के निर्देश दिए।

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यहां समझिए क्या है डॉक सिस्टम  

एक नवंबर से बिना वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के उपभोक्ताओं को गैस की डिलीवरी नहीं की जाएगी। उपभोक्ताओं के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर बुकिंग की रसीद कटने के बाद यह ओटीपी आएगा। इस सिस्टम को डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डॉक) नाम दिया गया है। डॉक सिस्टम लागू होने के बाद केवल बुकिंग करा लेने भर से सिलेंडर की डिलीवरी नहीं होगी। गैस एजेंसी के पास आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक कोड भेजा जाएगा उस कोड को जब तक आप डिलीवरी ब्वाय को नहीं दिखाएंगे, तब तक सिलेंडर की डिलीवरी नहीं होगी। अगर किसी उपभोक्ता का मोबाइल नंबर अपडेट नहीं है तो डिलीवरी ब्वाय कंपनी के मोबाइल एप के जरिये मौके पर ही आपका नंबर अपडेट करवा लेगा।

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