बहुआयामी प्रयासों से होगा गंगा संरक्षण: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गंगा की स्वच्छता एवं अविरलता के लिए सभी को एकजुट प्रयास करने होंगे।
ऋषिकेश, [जेएनएन]: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गंगा की स्वच्छता एवं अविरलता के लिए सभी को एकजुट प्रयास करने होंगे। हमारे पास तकनीकी और संसाधन उपलब्ध हैं, जरूरत सिर्फ बहुआयामी प्रयास करने की है। इसके तहत हमें पौधरोपण, खेतों में कीटनाशकों का कम इस्तेमाल और वर्षा जल संरक्षण के लिए भी आगे आना होगा।
शनिवार को ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में चार-दिवसीय राष्ट्रीय नदी गंगा समाधान शिखर सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह बात कही। जल संरक्षण के लिए वर्षा जल के उपयोग पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर बड़े प्रयास हो रहे हैं, लेकिन इसमें जनसमुदाय की भागीदारी भी जरूरी है। सरकार ने 200 करोड से अधिक की राशि सिर्फ जलाशयों के निर्माण पर खर्च करने का निर्णय लिया है। इन जलाशयों का निर्माण ऊचांई वाले स्थानों पर किया जाएगा, ताकि जल राशि का प्रवाह निरंतर बना रहे।
स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के पास शुद्ध वायु, शुद्ध जल व शुद्ध मृदा के रूप में तीन जीवनदायी तत्व मौजूद हैं। अगर मृदा विषैली है तो विषैला खाद्य पदार्थ ही पैदा करेगी। इसलिए हमारी जिम्मेदारी, जवाबदेही और पारदर्शिता बेहद जरूरी है।
कहा कि हम सभी मिलकर आगे बढ़ें तो कुछ भी असंभव नहीं। हमें पदों के आवरण में नहीं, गंगा के प्रहरी, परिवार व पुत्र बनकर कार्य करना होगा। उन्होंने गंगा एक्शन परिवार व ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की ओर से परमार्थ निकेतन में जल्द ''गंगा रिवर इंस्टीटयूट'' शुरू करने की भी घोषणा की। साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि 500 मिलियन (50 करोड़) लोग गंगा के तटों पर रहते हैं, उनकी आजीविका गंगा से जुड़ी हुई है। लिहाजा हमें मिलकर गंगा के लिए समाधान खोजना होगा।
इससे पूर्व, सम्मेलन का उद्घाटन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती, फिक्की के उप महासचिव निरंकार सक्सेना व जीवा की अंतरराष्ट्रीय महासचिव डॉ. साध्वी भगवती सरस्वती ने दीप जलाकर किया। पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए काम करने वाली विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में गंगा तटीय पांच राज्यों के 80 से अधिक शहरों के प्रतिभागी, 150 से अधिक निकायों के अध्यक्ष, 70 से अधिक वक्ता भाग ले रहे हैं।
यह भी पढ़ें: मोदी की मंशा के अनुरूप ढलने लगी केदारपुरी
यह भी पढ़ें: केदारनाथ में निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट की जांच के निर्देश
यह भी पढ़ें: केदारपुरी में पत्थर बिछाने कई प्रांतों से आएंगे कारीगर