विधानसभा कूच के दौरान आंदोलनकारियों की पुलिस से झड़प
स्थायी राजधानी की मांग को लेकर गैरसैंण संघर्ष समिति ने मंगलवार को विधानसभा कूच किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: स्थायी राजधानी की मांग को लेकर गैरसैंण संघर्ष समिति ने मंगलवार को विधानसभा कूच किया। इस दौरान जुलूस की शक्ल में जनगीतों गाते हुए विधानसभा के पास पहुंचे आंदोलनकारी बेरिकेडिंग पर चढ़ गए। जहां उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई। बाद में जनसभा करते हुए आंदोलनकारियों ने सरकार को चेताया कि जल्द राजधानी को लेकर फैसला न हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर विभिन्न राजनीतिक और आंदोलनकारी संगठनों के प्रतिनिधि मंगलवार को कचहरी स्थित शहीद स्थल पर एकत्र हुए। यहां गैरसैंण संघर्ष समिति के बैनरतले जनगीत गाकर गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग की। इसके बाद जुलूस की शक्ल में आंदोलनकारी विधानसभा की तरफ बढ़े। रास्ते में पहाड़ की राजधानी पहाड़ में बनाई जाए, गैरसैंण पर सरकार जल्द निर्णय लें, जैसे नारे लगाते हुए विधानसभा के पास पहुंचे। यहां पहले से पुलिस ने भारी सुरक्षा व्यवस्था और बेरिकेडिंग लगाते हुए आंदोलनकारियों को रोक दिया। मगर, स्थायी राजधानी की मांग कर रहे भाकपा माले के इंद्रेश मैखुरी, संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहित डिमरी, संयोजक चारू तिवारी आदि आंदोलनकारी बेरिकेडिंग पर चढ़ने लगे। इसे लेकर उनकी पुलिस के साथ जमकर धक्का-मुक्की हुई। काफी देर तक रिस्पना पुल के पास आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच झड़प होती रही। बाद में जुलूस सभा में तब्दील हो गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि स्थायी राजधानी की मांग को लेकर आंदोलन जारी रहेगा। सरकार को चेताया कि जल्द उनकी मांग पूरी न की गई तो राज्य गठन जैसा आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस मौके पर उक्रांद के वरिष्ठ नेता काशी सिंह ऐरी, परिवर्तन पार्टी के पीसी तिवारी, महिला मंच की कमला पंत, उक्रांद के गंगा दत्त सेमवाल, रमेश नौटियाल, विनोद डिमरी, छात्र नेता अजय पुंडीर, अंकित उछोली, सतीश धौलाखंडी, योगेश भट्ट, जयदीप सकलानी, प्रदीप सती, रतन सिंह असवाल आदि मौजूद रहे। दस अक्टूबर से प्रदेशभर में यात्रा
गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर संघर्ष समिति 10 अक्टूबर से प्रदेश के सभी जिलों में यात्रा निकालेगी। इससे पहले दो अक्टूबर को पर्चे और पोस्टर जारी करेगी। इसे लेकर हर जिले में पत्रकार वार्ता और सम्मेलन किए जाएंगे।