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उत्तराखंड में बंद होगी सरकारी क्षेत्र की गदरपुर चीनी मिल, पढ़िए पूरी खबर

उत्तराखंड में कुमाऊं मंडल केे सरकारी क्षेत्र की गदरपुर चीनी मिल का बंद होना तय माना जा रहा है।

By Edited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 08:44 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 03:26 PM (IST)
उत्तराखंड में बंद होगी सरकारी क्षेत्र की गदरपुर चीनी मिल, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में बंद होगी सरकारी क्षेत्र की गदरपुर चीनी मिल, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। कुमाऊं मंडल में सरकारी क्षेत्र की गदरपुर चीनी मिल का बंद होना तय माना जा रहा है। उत्तराखंड शुगर फेडरेशन के प्रबंध निदेशक ने शासन को सौंपी रिपोर्ट में गन्ने की अनुपलब्धता के मद्देनजर इस चीनी मिल को बंद करने की सिफारिश की है। वहीं, बंद चल रही सितारगंज चीनी मिल को फिर से चलाने के लिए इसे पीपीपी मोड या लेबर कॉन्ट्रेक्ट के माध्यम से चलाने का सुझाव दिया गया है। हालांकि, इन दोनों ही मामलों में अंतिम फैसला सरकार को लेना है। इसे देखते हुए अब ये मसले अगली कैबिनेट के समक्ष रखे जाने की तैयारी है।

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प्रदेश की छह सरकारी चीनी मिलों में से वर्तमान में डोईवाला, बाजपुर, नादेही व किच्छा ही संचालित हो रही हैं। सितारगंज और गदरपुर चीनी मिलें लंबे समय से बंद पड़ी हैं। गदरपुर चीनी मिल के बंदी के कगार पर पहुंचने की मुख्य वजह उसके पास गन्ने की उपलब्धता न होना है। इसे देखते हुए मिल प्रबंधन ने इसे चलाने में असमर्थता जताई है। इसके अलावा सितारगंज चीनी मिल को उसके प्रबंधन ने चलाने की कोशिश की, मगर सफलता नहीं मिल पाई। इसे देखते हुए सरकार ने हाल में शुगर फेडरेशन के प्रबंध निदेशक चंद्रेश कुमार से रिपोर्ट मांगी। 
सूत्रों के मुताबिक प्रबंध निदेशक यह रिपोर्ट शासन को सौंप चुके हैं। इसमें गदरपुर चीनी मिल को बंद करने की सिफारिश की गई है। वहीं, 2017 से बंद चल रही सितारगंज चीनी मिल के बारे में सुझाव दिया गया है कि इसे पीपीपी मोड में दिया जा सकता है। इसके अलावा ये भी विकल्प सुझाया गया है कि मिल प्रबंधन इसे लेबर कांट्रेक्ट के जरिये भी चला सकता है। सूत्रों के मुताबिक शासन स्तर पर अब इन दोनों मिलों के संबंध में शासन स्तर पर मंथन चल रहा है। अब इन मसलों को कैबिनेट में रखे जाने के मद्देनजर प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। 
टिहरी में निवेश कर सकते हैं चीनी उद्योगपति 
चीन के उद्योगपति टिहरी में शहरी नियोजन के क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं। चीनी उद्योगपतियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर से मुलाकात कर पर्यटन के क्षेत्र में निवेश, सिस्टर सिटी कन्वेंशन, पांच सितारा होटल, टिहरी में विकास कार्यों और चीन-उत्तराखंड के बीच पर्यटन और संस्कृति के आदान प्रदान पर चर्चा की। देर शाम यह प्रतिनिधिमंडल टिहरी के लिए रवाना हुआ। 
शनिवार को सचिवालय में चीनी प्रतिनिधिमंडल ने सचिव पर्यटन से मुलाकात की। बैठक की जानकारी देते हुए सचिव पर्यटन ने बताया कि उत्तराखंड में चीनी निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए यह बैठक रखी गई थी। चीनी प्रतिनिधिमंडल ने काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। चीन और उत्तराखंड के बीच व्यापारिक संबंध काफी मजबूत हैं। 
दोनों देशों के बीच पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से राज्य की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत होगी। दोनों देशों के बीच संस्कृति का आदान प्रदान होगा और आपसी सौहार्द बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि चीनी तकनीक का प्रयोग कर टिहरी को एक विश्व स्तरीय आधुनिकतम पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। बैठक में चीनी प्रतिनिधियों में पैंग झांग, यिंग सुन, झौंक्सी दुन, जिनफेंग रेन आदि मौजूद थे। 

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