राजकीय सम्मान के साथ वृक्ष मानव विश्वेश्वर दत्त सकलानी का अंतिम संस्कार
ऋषिकेश की मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद घाट गंगा तट पर वृक्ष मित्र विश्वेश्वर दत्त सकलानी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
ऋषिकेश, जेएनएन। वृक्ष मानव की उपाधि से सम्मानित 97 वर्षीय विश्वेश्वर दत्त सकलानी का मुनिकीरेती पूर्णानंद घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
शुक्रवार को जौनपुर ब्लॉक के पुजार गांव स्थित पैतृक आवास में विश्वेश्वर दत्त सकलानी ने आखिरी सांस ली। टिहरी जनक्रांति में अग्रणी भूमिका निभाने वाले शहीद नागेंद्र दत्त सकलानी की स्मृति में छोटे भाई विश्वेश्वर दत्त सकलानी ने पौधे लगाने का सिलसिला शुरू किया था।
अपने जीवन में 50 लाख पौधे लगाने वाले विश्वेश्वर दत्त सकलानी को वर्ष 1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इंदिरा प्रियदर्शनी वृक्ष मानव पुरस्कार से सम्मानित किया था। शनिवार को उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लपेटकर पैतृक आवास पुजार गांव से ऋषिकेश के मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद घाट पर लाया गया। यहां गंगा तट पर अंतिम संस्कार से पूर्व चंबा पुलिस लाइन से आई गारद ने शस्त्र झुकाने के साथ मातमी धुन बजाकर सलामी दी। उत्तराखंड शासन की ओर से विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाया।
ऋषिकेश की महापौर अनीता ममगाईं, तहसीलदार नरेंद्र नगर दयाल सिंह भंडारी, पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र नगर जेपी जुयाल भी ने भी श्रद्धांजलि दी। गंगा तट पर वृक्ष मानव विश्वेश्वर दत्त सकलानी के ज्येष्ठ पुत्र विवेक सकलानी ने अपने छोटे भाइयों शैलेंद्र सकलानी, संतोष सकलानी, राकेश सकलानी के साथ चिता को मुखाग्नि दी। इस अवसर पर मुनिकीरेती के पूर्व पालिकाध्यक्ष मनोज द्विवेदी ,वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी डीपी सकलानी, सुनीता सकलानी, ऋषिकेश नगर निगम के पार्षद विजय बडोनी, देवेंद्र दत्त सकलानी, सोमवरी उनियाल, मुनिकीरेती के प्रभारी निरीक्षक आरके सकलानी, गुरविंदर सिंह, रमा बल्लभ भट्ट, घनश्याम कोठारी ,दिनेश उनियाल आदि मौजूद रहे।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि विश्वेश्वर दत्त सकलानी एक पर्यावरण योद्धा थे। उन्होंने पर्यावरण चेतना के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई। मांझी द माउंटेन मैन की तरह उनका जीवन रहा। सकलाना घाटी में उन्होंने बांज ,बुरांश, सेमल, भीमल, देवदार के लाखों पौधे लगाए। हमारे बीच में वह प्रेरणा पुंज बनकर रहेंगे।
यह भी पढ़ें: बड़े भाई की मौत के बाद हुई धुन सवार; उगा दिया जंगल, जानिए
यह भी पढ़ें: पिता का अंतिम संस्कार करने आए पुत्र की शमशान घाट पर हुई मौत