अगले तीन वर्षों में ईंधन आयात होगा बंद: डॉ. अंजन रे
आइआइपी के निदेशक डॉ. अंजन रे ने कहा कि इस समय देश 120 मिलियन डॉलर के कच्चे तेल का आयात करता है। हालांकि अगले तीन साल में इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड के आंचलिक विज्ञान केंद्र (विज्ञान धाम) की तीसरी वर्षगांठ पर भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आइआइपी) के निदेशक डॉ. अंजन रे ने वैकल्पिक ईंधन का खाका पेश किया। उन्होंने कहा कि इस समय देश 120 मिलियन डॉलर के कच्चे तेल का आयात करता है। हालांकि अगले तीन साल में इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। उनका संस्थान समेत कई अन्य एजेंसी वैकल्पिक ईंधन की दिशा में तेजी से काम कर रही हैं। प्लास्टिक कचरे से ही वह उत्तराखंड में रोजाना 800 लीटर डीजल बना सकते हैं।
सोमवार को उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) की ओर से आयोजित तृतीय वर्षगांठ कार्यक्रम का उद्घाटन सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आरके सुधांशु ने किया। उन्होंने राज्यपाल के संदेश को साझा किया। कहा कि कूड़ा निस्तारण की दिशा में अधिक काम किए जाने की जरूरत है।
वहीं, राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (कोलकाता) के निदेशक समरेंद्र कुमार ने बताया कि देश में इस तरह के 44 विज्ञान केंद्र संचालित हो रहे हैं, जबकि भविष्य 15 और नए केंद्र स्थापित किए जाने हैं। कार्यक्रम में विज्ञान से संबंधित एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल, कैंपा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. समीर सिन्हा, डॉ. जीएस रौतेला, डॉ. डीपी उनियाल, ब्रिगेडियर केजी बहल (रिटा.), अमित पोखरियाल आदि उपस्थित रहे।
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