ओएनजीसी में नौकरी के नाम पर ढाई करोड़ से अधिक की ठगी
ठगों ने ओएनजीसी में विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर उत्तराखंड और बिजनौर के करीब 40 युवकों से छह-छह लाख रुपये ठग लिए।
By Edited By: Published: Thu, 19 Apr 2018 07:47 PM (IST)Updated: Fri, 20 Apr 2018 05:08 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: ओएनजीसी में नौकरी के नाम पर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। आरोप है कि ठगों ने ओएनजीसी में विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर उत्तराखंड और बिजनौर के करीब 40 युवकों से छह-छह लाख रुपये ठग लिए। इस संबंध में दो पीड़ितों ने एसएसपी निवेदिता कुकरेती से शिकायत की है। ढाई करोड़ से अधिक की ठगी के इस मामले में एसएसपी ने कैंट पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं। वर्ष 2016 में ओएनजीसी में असिस्टेंट, एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर भर्ती का विज्ञापन रोजगार समाचार पत्र में निकाला गया था। जिसके लिए बड़ी संख्या में युवाओं ने आवेदन किया था। इस दौरान शिवोम नामक एक व्यक्ति ने खुद को ओएनजीसी का अधिकारी बताते हुए आवेदन करने वाले 40 युवकों से संपर्क किया और उन्हें नौकरी का झांसा दिया। उसने युवकों से एक आवेदन पत्र भरवाया। बिजनौर निवासी पीड़ित मंजुल कुमार रवि और दून के लाड़पुर निवासी रोहित कुमार ने बताया कि आवेदन पत्र भरने के बाद उनसे छह लाख रुपये बतौर सिक्योरिटी जमा करने को कहा। मंजुल ने बताया कि उसने पांच लाख रुपये नकद और एक लाख रुपये एनइएफटी के माध्यम से आरोपित शिवोम के खाते में जमा कराए। जबकि रोहित ने पांच लाख रुपये नकद और एक लाख रुपये चेक से दिए। शिवोम ने इन सभी की लिखित परीक्षा और साक्षात्कार कराने के बाद उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। साथ ही ओएनजीसी का गेट पास, ट्रेनिंग लेटर और आइकार्ड भी दे दिया। जब काफी दिनों तक उन्हें ज्वानिंग नहीं मिली तो उन्होंने ओएनजीसी ऑफिस में संपर्क किया। तब पता चला कि नियुक्ति पत्र सहित सभी तमाम दस्तावेज फर्जी हैं। किसी का दिल्ली तो किसी का दून में कराया टेस्ट इस मामले में किसी को कोई शक न हो, इसलिए ठगों ने नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया कराई। पीड़ितों के मुताबिक जिन लोगों का असिस्टेंट और अन्य चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए आवेदन भरा था, उनकी दून के ओएनजीसी परिसर में परीक्षा और साक्षात्कार कराया गया। जबकि एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट के पदों के लिए आवेदन करने वाले युवकों का बाकायदा दिल्ली में टेस्ट और इंटरव्यू कराया। यहीं नहीं, ओएनजीसी परिसर में ही उनसे कागजात आदि लिए गए और उन्हें आइकार्ड दे दिए गए। ओएनजीसी कर्मियों की हो सकती है मिलीभगत जिस प्रकार ठगों ने ओएनजीसी परिसर में ही फर्जी परीक्षा व साक्षात्कार कराया, उससे साफ है कि इस ठगी में ओएनजीसी कर्मी भी शामिल हैं। क्योंकि बिना ओएनजीसी कर्मियों की मदद के फर्जीवाड़ा संभव नहीं है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि इस संबंध में जांच की जाएगी।
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