उत्तराखंड: जिद पर अड़े रोडवेज कर्मचारी, 13 जनवरी से प्रदेशभर में करेंगे चक्का जाम
पांच माह से लंबित वेतन के भुगतान और बर्खास्त कर्मचारी नेता संदीप कुमार को बहाल करने की मांग पर देहरादून मंडल के समस्त डिपो में रोडवेज बसों के पहिये शनिवार को दूसरे दिन भी थमे रहे। कर्मचारी यूनियन ने 13 से पूरे सूबे में हड़ताल का एलान कर दिया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। पांच माह से लंबित वेतन के भुगतान और बर्खास्त कर्मचारी नेता संदीप कुमार को बहाल करने की मांग पर देहरादून मंडल के समस्त डिपो में रोडवेज बसों के पहिये शनिवार को दूसरे दिन भी थमे रहे। कर्मचारी यूनियन ने अपने आंदोलन को और गति देते हुए बुधवार 13 जनवरी से पूरे सूबे में बेमियादी हड़ताल का एलान कर दिया है। आंदोलनकारी कर्मचारी जिद पर अड़े हुए हैं कि जब तक मांगों पर कार्रवाई नहीं होती, वे पीछे नहीं हटेंगे। इस दौरान देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार और श्रीनगर डिपो में लंबी दूरी के सभी मार्गों की करीब 75 फीसद बसों का संचालन नहीं हुआ।
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन द्वारा 19 जनवरी से प्रदेश में बेमियादी हड़ताल का नोटिस पूर्व में दिया गया था, मगर दून मंडल की हड़ताल को देख यूनियन ने अब यह हड़ताल 13 जनवरी से शुरू करने का निर्णय लिया है। अब यूनियन की ओर से वेतन की मांग के साथ ही ग्रामीण डिपो के बर्खास्त शाखा मंत्री संदीप कुमार को फिर से बहाल करने और बर्खास्ती का आदेश करने वाले प्रभारी एजीएम रामलाल पैन्यूली के निलंबन की मांग भी की जा रही।
इन्हीं मांगों को लेकर ग्रामीण डिपो में गुरुवार से जबकि शुक्रवार से देहरादून मंडल के सभी डिपो में बसों का संचालन ठप है। यात्रियों को दूसरे राज्यों की बसों में सफर करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब एवं राजस्थान के यात्रियों को हड़ताल के चलते परेशानी झेलनी पड़ रही। वहीं, यूनियन के मंडलीय मंत्री केपी सिंह के नेतृत्व में शनिवार को भी कर्मियों ने आइएसबीटी पर धरना-प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन के विरुद्ध नारेबाजी की। वहीं, 13 जनवरी से बेमियादी हड़ताल की सूचना के लिए प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी द्वारा प्रबंध निदेशक को नोटिस भेजा गया है।
अनुपस्थिति दर्ज करना शुरू
रोडवेज प्रबंधन ने भी हड़ताल के विरुद्ध सख्त रुख अपनाते हुए हड़ताल में शामिल कर्मचारियों की अनुपस्थिति दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। जो कर्मचारी बसों का संचालन नहीं कर रहे, उनके मोबाइल पर एसएमएस भेजकर गैर-हाजिर होने की सूचना दी जा रही।
दूसरे संगठनों के नेताओं ने संभाली बस संचालन की कमान
कर्मचारी यूनियन की हड़ताल के दृष्टिगत बसों का संचालन कराने के लिए प्रबंधन ने दूसरे कर्मचारी संगठनों के नेताओं को बसों के संचालन की कमान सौंप दी है। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री दिनेश पंत व उत्तराखंड रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन के महामंत्री रविनंदन कुमार शनिवार सुबह से आइएसबीटी पर डटे रहे। उनके संगठन से जुड़े जो कर्मचारी बस संचालन कर रहे हैं, उनसे लगातार ड्यूटी कराई जा रही है। जो गिनी-चुनी बसें दिल्ली और अन्य लंबी दूरी के मार्गों पर जा रहीं, उनके चालक व परिचालक को लौटते ही बिना आराम दिए फिर उसी मार्ग पर ड्यूटी पर भेजा जा रहा। चालकों को आराम न मिलने से हादसों का खतरा भी बढ़ गया है।
नहीं हुई प्रबंधन-यूनियन में वार्ता
फिलहाल रोडवेज प्रबंधन भी यूनियन के सामने झुकने को तैयार नहीं है। प्रबंधन की ओर से पिछले तीन दिन में यूनियन के संग वार्ता की कोई पहल नहीं की गई। रोडवेज के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन भी यह कह चुके हैं कि यात्रियों की संख्या वैसे ही कम है, लिहाजा बस संचालन से आय पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा। वहीं, यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी ने भी कहा है कि उन्हें प्रबंधन से वार्ता की जल्दबाजी नहीं है। अगर प्रबंधन यह मान रहा कि बस संचालन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है तो यह उन्हें 13 जनवरी से पता चल जाएगा।
यह भी पढ़ें- Uttarakhand News: वेतन विसंगति के मुद्दे पर शिक्षक मुखर, आंदोलन की चेतावनी