उल्कापिंड के नाम पर 13 जालसाजों ने फौजी से ठगे सवा करोड़ रुपये Dehradun News
देहरादून में उल्कापिंड के नाम पर 13 जालसाजों ने फौजी से करीब सवा करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दे डाला। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
देहरादून, जेएनएन। कारगिल युद्ध में जिस फौजी ने दुश्मनों को धूल चटा दी थी, वह 13 जालसाजों के मकड़जाल में ऐसा उलझा कि जीवन भर की कमाई गंवा बैठा। जालसाजों ने फौजी को बताया था कि उनके पास एक उल्कापिंड का टुकड़ा है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत पांच हजार करोड़ रुपये से भी अधिक है। आरोपितों ने करीब सवा तीन साल तक फौजी को इसी झांसे में रखा कि अगर वह इस उल्कापिंड को खरीदकर आगे बेचेगा तो करोड़ों कमा सकता है। इस झांसे में आकर फौजी ने जालसाजों को पिछले 15 महीने के दौरान सात बार में करीब सवा करोड़ रुपये दे दिए। इतनी बड़ी रकम देने के बाद भी जब फौजी के हाथ कुछ नहीं लगा, तो ठगे जाने का अहसास हुआ और पुलिस को सूचना दी। कैंट कोतवाली पुलिस ने 13 जालसाजों के गैंग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कारगिल युद्ध के बाद नायक पद से सेवानिवृत्त होने के बाद दून के गढ़ी कैंट निवासी खिलाफ सिंह बिष्ट घर आ गए। यहां उन्होंने अपने कुछ परिचितों के साथ प्रापर्टी डीलिंग का कारोबार शुरू कर दिया। उनके इन्हीं परिचितों में से एक सतीश शर्मा भी था। आरोप है कि अप्रैल 2017 में सतीश शर्मा और उसके दोस्त विपुल मिश्र ने खिलाफ को बताया कि उनके हाथ एक उल्कापिंड लगा है, जिसकी कीमत करोड़ों में है। खिलाफ सिंह ने इसमें रुचि दिखाई तो सतीश और विपुल ने उनकी मुलाकात टर्नर रोड, क्लेमेनटाउन के रहने वाले सलीम से करवाई। सलीम का परिचय यूनिवर्सल माइंस एंड मिनरल्स कारपोरेशन इंडिया कंपनी में विज्ञानी के रूप कराया। सलीम खान ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में उसके परिचित अश्वनी कुमार पालिया के पास से एक उल्कापिंड है। पिंड की जांच कंपनी के विज्ञानियों से करने के बाद उसे सौ टका सही करार दिया जा चुका है। खिलाफ सिंह से जालसाजों ने कहा कि वह इसे 10 करोड़ रुपये में खरीद सकते हैं।
खिलाफ सिंह के हामी भरने के बाद उन्हें आगे बेचकर करोड़ों की कमाई कराने की साजिश पर सतीश और उसके दोस्तों ने काम शुरू कर दिया। इसी क्रम में सतीश और अन्य ने उन्हें रेसकोर्स स्थित एमएलए हॉस्टल में कार्यरत विनोद गोदियाल से मिलवाया। वहां पर कुंवर बिष्ट व मुकेश कांडपाल भी मिले। इन सभी ने उल्कापिंड बिकवाने में मदद करने की बात कही। अब तक खिलाफ सिंह जालसाजों के झांसे में पूरी तरह से आ चुका था। सभी आरोपित खिलाफ सिंह को लेकर सलीम की कंपनी के पड़पड़गंज, दिल्ली स्थित आफिस में ले गए। यहां कंपनी के सीइओ एसआर रहमान और उदित नागर मिले।
उदित ने बताया कि 10 इंच के उल्कापिंड की कीमत पांच हजार करोड़ होती है, इतने में वह उनसे ले लेगा। यह भी कहा कि उल्कापिंड धर्मशाला में दिखाया जाएगा और वहीं उसकी जांच होगी। सामान सही पाए जाने पर खिलाफ सिंह को 10 करोड़ रुपये एडवांस दे देगा। अब आरोपितों ने खिलाफ सिंह को कंपनी की फीस के तौर पर 10 लाख 95 हजार रुपये जमा कराने को कहा। खिलाफ सिंह ने आठ सितंबर 2017 को ये रकम कंपनी के खाते में एनईएफटी के माध्यम से ट्रांसफर कर दी।
आरोपितों ने खिलाफ सिंह को धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश बुलाया और 13 सितंबर को परीक्षण के चार घंटे बाद 10 करोड़ रुपये एडवांस देने की बात कही। इसी दिन कंपनी के विज्ञानी कबीर व दो अन्य ने कंपनी का मूवमेंट लेटर दिखाया, जिसे देखकर अश्वनी कुमार पालिया ने मूवमेंट लेटर में अपना नाम न होने पर विवाद कर दिया। कंपनी के विज्ञानियों ने दो बजे तक ही सामान का परीक्षण करने का समय बताया। समय समाप्त होने पर कंपनी के विज्ञानी चले गए और कहा कि खिलाफ सिंह की जमा रकम जब्त हो गई है।
मूवमेंट लेटर के नाम पर भी आठ लाख ठगे
सीओ अनुज कुमार ने बताया कि सलीम खान ने अश्वनी कुमार का मूवमेंट लेटर बनाने के नाम पर खिलाफ सिंह को आठ लाख रुपये जमा करने की बात कही। 14 सितंबर 2017 को खिलाफ सिंह ने अपने मित्र से पैसे मंगवाकर जमा करवाए। 17 सितंबर को कंपनी के विज्ञानी को सामान दिखाने के लिए अश्वनी कुमार पालिया खिलाफ सिंह को अपने साथ कार से लेकर गए तो रास्ते में पुल के पार जाने की अनुमति न होने की बात कही। इस पर अश्वनी कुमार ने हाइटेंशन की तारों से सामान खराब होने को कहा और वापस चले गए। इस तरह दोबारा खिलाफ सिंह की जमाराशि जब्त कर ली।
इन आरोपितों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
कैंट एसओ संजय मिश्र ने बताया कि जांच के बाद सतीश शर्मा, विपुल मिश्र, उदित नागर, दिलशाद, एआर रहमान, सैय्यद गुलजार अहमद, अब्दुल राशिद मलिक, कबीर, कुंवर सिंह बिष्ट, मुकेश कांडपाल, विनोद गोदियाल, अनवर और असगर अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
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रेडिएशन से खतरा बताकर नहीं दिखाया सामान
तीन नवंबर 2017 को आरोपित खिलाफ सिंह को कुलगाम ले गए जहां सैय्यद गुलजार मिला और सुपर एंटीक आयटम वहां से लगभग 45 किमी दूर अहरवल में होने की बात कही। चार नवंबर को खिलाफ सिंह गुलजार के साथ अहरवल गए। यहां खिलाफ सिंह को बताया गया कि रेडिएशन से जान को खतरा है, तो वह वापस आ गए। इसके बाद सलीम ने कंपनी के सीइओ एआर रहमान और उदित नागर से बात कर कंपनी की मूवमेंट फीस 21 लाख रुपये खिलाफ सिंह को बताई। 20 नवंबर को खिलाफ सिंह ने अपने दोस्तों से पैसे लेकर आरटीजीएस के माध्यम से पैसे दे दिए
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