दस्तावेज खोलेंगे ठगी के खेल के कारनामे
देहरादून में सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर हुए ठगी के खेल के पीछे कई राज खुलने वाले हैं। पुलिस इन लोगों तक पहुंचने के लिए उन दस्तावेजों की जांच कर रही है।
देहरादून, [जेएनएन]: सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर हुए ठगी के खेल के पीछे कई राज खुलने के साथ उन किरदारों के चेहरे बेनकाब होना बाकी है, जिनकी शह पर संदीप और उसके साथी ने 20 से अधिक लोगों को लाखों का चूना लगाया। पुलिस इन लोगों तक पहुंचने के लिए उन दस्तावेजों की जांच कर रही है, जिनसे पीड़ितों को झांसे में लिया गया।
सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर हुई ठगी का सनसनीखेज मामला एक जून को सामने आया था। तब चार युवक नियुक्ति पत्र लेकर ज्वाइन करने पहुंचे थे। नियुक्ति पत्र पर सचिवालय के एक अफसर के हस्ताक्षर थे, जो मिलान में फर्जी पाए जाने पर संदीप सिंह बिष्ट निवासी ग्राम लालपुर पोस्ट पदमपुर सुखरो, कोटद्वार हाल निवासी ग्राम नवादा, बद्रीपुर को पकड़ लिया गया था।
युवकों का आरोप था कि यह नियुक्ति पत्र उन्हें संदीप ने दिए हैं और इसके बदले में उनसे 60-60 हजार रुपये लिए गए हैं। हालांकि, सचिवालय के एक अधिकारी की मध्यस्थता के चलते संदीप को छोड़ दिया गया, लेकिन अगले ही दिन यानी दो जून को सचिवालय के अनुभाग अधिकारी अरविंद चंदोला की ओर से संदीप और एक अपर सचिव के निजी स्टॉफ में चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात चंचल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया। फिलहाल कोतवाली पुलिस मामले की तह तक जाने के लिए हाल ही में सामने आए ठगी के शिकार 16 अन्य लोगों से दस्तावेज लेकर उनकी जांच कर रही है। जांच कर रहे धारा चौकी इंचार्ज कुलदीप पंत का कहना है कि मामले में दस्तावेजों की फोरेंसिक एक्सपर्ट से जांच कराई जाएगी। आगे जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
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