उत्तराखंड में स्किल इको सिस्टम का फ्रेमवर्क होगा तैयार
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि उत्तराखंड में स्किल इको सिस्टम का फ्रेम वर्क तैयार किया जाएगा। जिससे युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के लिए दक्ष किया जाएगा।
देहरादून, [जेएनएन]: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा अगले दो महीने में उत्तराखंड में स्किल इको सिस्टम का फ्रेम वर्क तैयार किया जाएगा। राज्य में लगभग 40 लाख युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के योग्य बनाने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार कार्ययोजना बनाएगी।
मुख्यमंत्री आवास में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कौशल विकास की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में 176 सरकारी आइटीआइ हैं जो कि क्षेत्रफल और जनसंख्या को देखते हुए काफी अधिक हैं। इन आइटीआइ का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उद्योगों से टाइअप किया जाए और उन्हें आइटीआइ गोद लेने के लिए प्रेरित किया जाए। उनका कहना है कि उद्योग न केवल इन्हें अपग्रेड करें, बल्कि वहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को प्लेसमेंट भी दें। इसमें केंद्र और राज्य सरकार का पूरा सहयोग करेगी।
पर्यटन से जुड़े लोगों के दक्षता विकास पर दें ध्यान
इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखंड में पर्यटन से जुड़े लोगों के दक्षता विकास पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उनका कहना है कि होटल, रेस्टोरेंट, वाहन चालक, गाइड, आदि के लिए स्किलिंग और री-स्किलिंग करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि एक अध्ययन के अनुसार उत्तराखंड के लोग प्राईवेट नौकरी की अपेक्षा स्वरोजगार को पसंद करते हैं। सरकार को युवाओं की इस अपेक्षा को पूरा करने में सहायता करनी चाहिए।
उनका कहना है कि अगले तीन वर्षों में युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए राज्य सरकार और एमएसएमई, विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट, पर्यटन विभाग मिलकर स्किल इको सिस्टम की कार्ययोजना बनाकर उस पर समयबद्ध तरीके से काम करें। केंद्र सरकार इसमें पूरा सहयोग करने के लिए तत्पर है। स्कूल स्तर से ही बच्चों को उनकी रुचि अनुसार कोई न कोई हुनर अवश्य सिखाया जाए।
युवाओं को बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराए जा सकते हैं रोजगार के अवसर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में नेशनल हाईवे का काफी विस्तार हो रहा है। रोडसाइड गतिविधियों के रूप में अनेक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं। युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के लायक बनाने के लिए उनके दक्षता विकास की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। स्किल्ड लोगों को मुद्रा लोन के माध्यम से पूंजी उपलब्ध करानी होगी।
सेवा क्षेत्र पर सरकार का फोकस
बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हमारा फोकस सेवा क्षेत्र पर है। उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार की बहुत सम्भावनाएं है। स्किल डेवलपमेंट की कार्ययोजना में सेवा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 लक्ष्य निर्धारित किए हैं और उन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। प्रदेश में पलायन को थामने के लिए रोजगार पर सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इसमें स्किल डेवलपमेंट बहुत महत्वपूर्ण है। हमने अनेक छोटी-छोटी पहलें की हैं। देवभोग प्रसाद योजना का सकारात्मक प्रतिफल मिल रहा है।
महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से केदारनाथ व बदरीनाथ में श्रद्धालुओं को लगभग 1.5 करोड़ रूपए के प्रसाद की बिक्री की गई है। यह प्रसाद चैलाई आदि स्थानीय उत्पादों से तैयार किया जता है। इस वर्ष चार धाम यात्रा पर रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु आए हैं। दूसरे क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में पर्यटक आए हैं।
बैठक में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, केंद्र में एमएसडीई के सचिव डॉ. केपी कृष्णन, संयुक्त सचिव राजेश अग्रवाल, उत्तराखंड शासन में अपर मुख्य सचिव डा. रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, सचिव डॉ. भूपिंदर कौर औलख, डा. पंकज कुमार पांडेय समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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