Coronavirus: जमात में शामिल चार बीमार, सभी लोग होम और इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन
लक्सर पहुंची जमात के तीन सदस्यों की तबीयत बिगड़ने से प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। एक अन्य जमात में शामिल बीमार युवक अस्पताल से भाग खड़ा हुआ।
देहरादून, जेएनएन। निजामुद्दीन में तब्लीगी मरकज में पंजीकरण कराने के बाद लक्सर पहुंची जमात के तीन सदस्यों की तबीयत बिगड़ने से प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। तीनों को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक इनमें से कोई भी 13 से 15 मार्च को हुए जलसे में शामिल नहीं था। एक अन्य जमात में शामिल बीमार युवक अस्पताल से भाग खड़ा हुआ, कर्मचारियों ने पीछा करके उसे दबोचा और आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया। इधर, जिला प्रशासन ने विभिन्न जमातों में शामिल 338 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इन सभी को मस्जिदों में क्वारंटाइन किया गया है।
दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज के जलसे में शामिल 24 लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। इसमें उत्तराखंड से भी 34 लोगों ने भाग लिया था। इनमें 24 लोग हरिद्वार के बताए जा रहे हैं। इसका पता चलने के बाद से हरिद्वार जिला प्रशासन हरकत में हैं। इसके चलते जनवरी से मार्च तक हरिद्वार आई जमातों और यहां से जमातों में गए लोगों का पता लगाया जा रहा है। इनका स्वास्थ्य परीक्षण कर क्वारंटाइन किया जा रहा है। बुधवार को शहर व देहात के ऐसे 338 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें क्वारंटाइन किया गया। इनमें अधिकांश लोग दूसरे राज्यों के निवासी हैं और निजामुद्दीन में तब्लीगी मरकज से होकर हरिद्वार पहुंचे हैं। पिछले दो महीने के दरम्यान हरिद्वार में विभिन्न राज्यों से कई जमातें आई हैं, जो अलग-अलग इलाकों में मस्जिदों में रुकी हुई हैं। प्रशासन अभी तक इनसे अनजान था। निजामुद्दीन प्रकरण के बाद उसकी नींद टूटी। इस बीच बुधवार सुबह सुल्तानपुर की एक मस्जिद में ठहरे 23 जमातियों में से तीन की तबीयत बिगड़ गई। इस पर उन्हें लक्सर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. अनिल वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य परीक्षण में तीनों बुखार से पीड़ित निकले। इस पर उन्हें कोरोना वायरस की जांच कराने के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया। यहां तीनों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया है।
अस्पताल से भागा युवक, पीछा कर पकड़ा
कोरोना वायरस के संक्रमण जैसे लक्षण दिखाई देने पर मेला अस्पताल लाया गया युवक स्वास्थ्य कर्मियों को चकमा देखकर भाग खड़ा हुआ। कर्मचारियों ने पीछा करके राजाजी पार्क के जंगल से उसे पकड़कर आइसालेशन वार्ड में भर्ती किया गया। सुल्तानपुर में जमात में आए दल में शामिल इस युवक की अचानक तबीयत बिगड़ी। सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम उसे अस्पताल लेकर आई थी। कर्मचारी जैसे ही उसे वार्ड में ले जाने लगे, वह भागकर जंगल की तरफ चला गया। काफी दूर तक पीछा करने के बाद कर्मचारियों ने उसे दबोच लिया। दल में शामिल सभी 11 सदस्यों को मस्जिद में क्वारंटाइन किया गया है।
तब्लीगी जमात से लौटे सभी लोग क्वारंटाइन
देश के विभिन्न राज्यों से तब्लीगी जमात में हिस्सा लेकर लौटे या बाहरी राज्यों से देहरादून पहुंचे लोगों की मेडिकल जांच शुरू कर दी गई है। बुधवार को चिकित्सकों और पुलिस ने अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर जमात में शामिल हुए लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इन लोगों को होम और इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन किया गया है।
पुलिस के अनुसार 26 फरवरी को झीवरहेड़ी पटेलनगर से 12 लोग 40 दिवसीय दौरे पर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, दो फरवरी को भगत सिंह कॉलोनी रायपुर से नौ लोग 40 दिन के लिए मिर्जापुर, 26 जनवरी को माजरा पटेलनगर से 11 लोग 40 दिवसीय दौरे पर शाहजहांपुर जमात में शामिल होने के लिए गए थे।
ये सभी लोग देहरादून लौट आए हैं। इसी तरह छह जनवरी को शहर कोतवाली के नयानगर नौ सदस्यीय दल 40 दिन के लिए मिर्जापुर, छह जनवरी को गांधीग्राम से 12 लोग प्रतापगढ़, छह जनवरी को कारगी पटेलनगर से 14 लोग अलीगढ़ गए थे। ये सभी भी वापस लौट आए हैं। डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि जिन लोगों को 14 दिन से अधिक समय हो गया है, उन्हें होम क्वारंटाइन जबकि 14 दिन से कम वालों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन किया गया है। विभिन्न थाना क्षेत्रों में गई टीमों ने इन लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। फिलहाल सबकी स्थिति सामान्य है।
अपुष्ट संदेश प्रसारित न करें: डीआइजी
निजामुद्दीन मरकज से आई जमातों के आवागमन के संबंध में सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों में अनावश्यक डर का माहौल फैल रहा है। मरकज से आई जमातों के संबंध में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही हैं। उन्होंने जनता से अनुरोध किया है कि किसी भी परिस्थिति में कोई अपुष्ट संदेश प्रसारित न करें।
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