देहरादून के इन चार अस्पतालों पर लगा 50-50 हजार जुर्माना
राजधानी देहरादून के चार अस्पतालों पर पचास-पचास हजार का जुर्माना लगाया है। ये जुर्माना पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लगाया है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण में कोताही बरतने वाले अस्पतालों और संस्थानों पर उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने नजरें टेढ़ी की हैं। इस कड़ी में देहरादून के चार अस्पतालों पर एनजीटी के आदेशों के क्रम में 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस सिलसिले में पीसीबी के चेयरमैन एवं अपर मुख्य सचिव डॉ.रणवीर सिंह ने अनुमोदन दे दिया है। इसके साथ ही राज्य में ऐसे अस्पतालों की संख्या 11 हो गई है, जिन पर इतनी राशि का जुर्माना लगाया गया है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पूर्व में बायोमेडिकल वेस्ट की अनदेखी करने वाले अस्पतालों व संस्थानों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने के आदेश दिए थे। इसके लिए राज्यों में पीसीबी को यह अधिकार दिया गया था। इसी कड़ी में उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) भी सक्रिय हुआ है।
पीसीबी के मुख्य पर्यावरण अधिकारी एसएस पाल के मुताबिक हाल में देहरादून के अस्पतालों का सर्वे किया गया था। बात सामने आई कि कुछ अस्पतालों ने बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण को कोई कदम नहीं उठाए हैं। और तो और वेस्ट के निस्तारण के मद्देनजर कोई आवेदन तक नहीं किया। उन्होंने बताया कि मानकों का अनुपालन न करने पर चार अस्पतालों दून पैरामेडिकल साइंसेज, शाक्य अस्पताल, अरिहंत एडवांस सर्जिकल और आरजीएमके स्टूल एंड यूरोलॉजी पर 50-50 हजार रूपये का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में फाइल पीसीबी के चेयरमैन एवं अपर मुख्य सचिव को भेजी गई थीं। इस पर चेयरमैन ने अनुमोदन दे दिया है। गुरुवार को पीसीबी की ओर से इस सिलसिले में आदेश निर्गत किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इससे पहले राज्य में सात अस्पतालों व संस्थानों से 50-50 हजार रुपये का जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जा चुकी है।
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