हरदा ने एकबार फिर दी पहाड़ी व्यंजनों की दावत, जानिए पार्टी में इस बार क्या रहा खास
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंडी व्यंजनों की दावत दी। खास बात ये रही की उन्होंने मात्र 21 लोगों को ही आमंत्रित किया था लेकिन फिर भी काफी संख्या में लोग पहुंचे और पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाया।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने मंगलवार को अपने आवास पर पहाड़ी व्यंजनों की दावत दी। आमंत्रित व्यक्तियों ने पहाड़ी दाल गहथ के डुबके, भात के साथ भटवानी और भांग की चटनी का लुत्फ उठाया। हरदा, यानी हरीश रावत तकरीबन हर मौसम में उत्तराखंडी व्यंजनों की दावत देने का मौका नहीं छोड़ते। बकौल रावत दावत की उनकी मुहिम उत्तराखंड के उत्पादों को पहचान दिलाने से जुड़ी है। इसके माध्यम से वह अधिक संख्या में नागरिकों को उत्तराखंडी उत्पादों का उपभोग करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
गर्मियों में पहाड़ी फल काफल तो बरसात के मौसम में नींबू, पहाड़ी खीरा-ककड़ी व चटनी, आम, भुट्टों की दावत देने के बाद सर्दियों की दस्तक के साथ शुरू हो रहे मौसम में उन्होंने गहथ के डुबके के साथ गुड़, लवण को भी दावत में शामिल किया गया। दावत में उन्होंने पहले मोबाइल फोन के माध्यम से 21 व्यक्तियों को न्योता दिया। हालांकि, फिर बाद में काफी संख्या में लोग वहां पहुंचे।
हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत और बेटी अनुपमा रावत ने अपने हाथों से मेहमानों को भोजन परोसा। इस दौरान हरदा ने चुटकी ली कि डुबके यदि उनकी पत्नी के हाथ के बने हों तो फिर क्या कहने। इनका स्वाद ही कुछ और होगा। उन्होंने कहा कि पहाड़ी दाल या अन्य उपज पौष्टिकता से भरपूर होती है।
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केंद्र में कृषि मंत्री रहते हुए उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन से मंडवा और झंगोरा की पौष्टिकता को प्रमाणित करने का अनुरोध किया था। इस संगठन ने इन्हें पौष्टिक उत्पाद मान लिया है। दावत में पूर्व विधायक गणेश गोदियाल, प्रभु लाल बहुगुणा, सतपाल ब्रहमचारी, नंदन सिंह बिष्ट, विनोद चौहान, शांति रावत, राजपाल सिंह भी शामिल हुए।
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