जागरण संवाददाता, देहरादून : वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) डीम्ड विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षा समारोह में एमएससी पाठ्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 12 छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। वानिकी के विभिन्न विषयों में 115 पीएचडी और 389 एमएससी समेत कुल 504 उपाधियां प्रदान की गईं।
समारोह की विधिवत शुरुआत एफआरआइ डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. एके त्रिपाठी के नेतृत्व में विवि के एकेडमिक सदस्यों ने की। जिसमें मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून के निदेशक भरत ज्योति, कुलाधिपति अरुण सिंह रावत, कुलपति, प्रबंधक मंडल तथा एकेडमिक काउंसिल के सदस्य शामिल रहे।
12 छात्रों को प्रदान किए स्वर्ण पदक
मुख्यअतिथि ने एमएससी कोर्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 12 छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए। जिमसें रुपाली शर्मा, सावला श्रुति हसमुख, बिक्रम सिंह (वानिकी), भव्या थापा, प्राची उपाध्याय, एंथोनी एशलिन विलियम (पर्यावरण प्रबंधन), सुनंदिनी, आकांक्षा शर्मा, प्रदीप कुमार पटेल (काष्ठ विज्ञान और प्रौद्योगिकी), उन्नति चौधरी, रुचि भैसोरा, त्रिनाधा चटर्जी (सेलूलोज़ और पेपर तकनीक) शामिल रहे ।
इसके अलावा आइआइटी रुड़की के पूर्व प्रोफेसर की ओर से प्रायोजित प्रो. पूरन सिंह सर्वश्रेष्ठ डाक्टरेट थीसिस पुरस्कार वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 के लिए क्रमश: डा. इंद्रनील मंडल (भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून), डा. तंजीम फातिमा ( इंस्टीट्यूट आफ वुड साइंस एंड टेक्नोलाजी बंगलुरू), और डा. राखी त्यागी (वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून) को प्रदान किया गया। इस मौके पर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक (वन्यजीव) बिवाश रंजन ने बतौर विशिष्ट अतिथि प्रतिभाग किया।
ज्ञान अर्थव्यवस्था और नवाचार समय की मांग : भरत ज्योति
दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून के निदेशक भरत ज्योति ने ज्ञान अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान और नवाचारों के महत्व पर प्रकाश डाला। साथ ही प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा, सुधार और संरक्षण में विवि शिक्षा की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने ग्रीन स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत पर्यावरण और वन क्षेत्र में कौशल विकास के लिए पर्यावरण, केंद्रीय वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि युवाओं को कौशल प्रदान करके न केवल वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान, सतत विकास लक्ष्यों और राष्ट्रीय जैव विविधता लक्ष्यों को भी प्राप्त किया जा सकता है।
वानिकी के माध्यम से 13 प्रमुख नदियों का होगा पुनरुद्धार: कुलाधिपति
एफआरआइ के कुलाधिपति अरुण सिंह रावत ने कहा कि संस्थान वानिकी के माध्यम से 13 प्रमुख नदियों के पुनरुद्धार के लिए डीपीआर तैयार करेगा। उन्होंने आइसीएफआरई की ओर से उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की जानकारी दी। बताया कि वर्ष 2020-2030 के लिए राष्ट्रीय वानिकी अनुसंधान योजना (एनएफआरपी), वर्ष 2018- 2023 के लिए वानिकी विस्तार रणनीति कार्य योजना, आइसीएफआरई कर्मचारियों के क्षमता विकास के लिए मानव संसाधन विकास योजना, हरित कौशल विकास कार्यक्रम का क्रियान्वयन, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप तैयार की जाएगी।