प्रकृति के विज्ञान को समझने की जरूरत: डॉ. जोशी
जागरण संवाददाता, देहरादून: सामाजिक सरोकारों की कड़ी में 'दैनिक जागरण' की 'मुहिम पौधे
जागरण संवाददाता, देहरादून: सामाजिक सरोकारों की कड़ी में 'दैनिक जागरण' की 'मुहिम पौधे लगाएं, वृक्ष बचाएं'ं के तहत शनिवार को शुक्लापुर स्थित हेस्को ग्राम में विभिन्न प्रजातियों के फलदार पौधे रोप गए।
शुक्लापुर में पौधरोपण के साथ ही दैनिक जागरण का अभियान संपन्न हो गया। 17 जुलाई से शुरू हुए अभियान में गढ़वाल मंडल के सात जिलों में उद्यान एवं वन विभाग के सहयोग से करीब एक लाख पौधे रोपे गए। हेस्को के संस्थापक पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि जब तक प्रकृति के विज्ञान को नहीं समझेंगे, जब तक धरा संरक्षण का समाधान नहीं हो सकता है। जंगल प्राकृतिक बांध है। इसलिए जंगल का संरक्षण परोक्ष रूप से जनसमुदाय से जुड़ा है। हेस्को ग्राम के साथ बहती प्राकृतिक नदी का उदाहरण देते हुए डॉ.अनिल जोशी ने बताया कि वर्ष 2010 में जब शुक्लापुर में 44 हेक्टेयर वन भूमि को संरक्षित करने का बीड़ा उठाया तो जंगल के बीचोंबीच बहने वाली नदी लगभग सूख चुकी थी। प्रथम चरण में हेस्को ने पूरे जंगल में एक हजार गड्ढे तैयार किए, चार कच्चे तालाबों का निर्माण किया एवं 18 चेकडेम बनाए। कुछ समय बाद ही जंगलों के गड्ढों, तालाबों में पानी एकत्र होने लगा और वह धीरे-धीरे धरती के अंदर रिसता चला गया। साथ ही आसपास की वाटरबॉडी (पानी के स्रोत) चार्ज होने लगी। समीप बहने वाली नदी में कुछ समय के भीतर ही 200 लीटर प्रति सेकेंड पानी का इजाफा रिकॉर्ड किया गया। जो नदी अंतिम सांस गिन रही थी, वहां आठ साल बाद इतना पानी है कि एक घराट (पन चक्की) चल रही है। समूचे क्षेत्र में घना जंगल विकसित हो गया है। कहा कि इस प्रकार का प्रयोग पूरे प्रदेश में अपनाया जाना चाहिए। जंगलों में अधिक से अधिक गड्ढे होने से उनमें बारिश का पानी एकत्र होगा। जो वाटर बॉडी के रूप में जमीन में नमी का संचय करता रहेगा। देहरादून वन प्रभाग के एसडीओ विनय रतूड़ी ने हेस्को के प्रयासों की सराहना की और कहा कि हेस्को का वन संरक्षण का मॉडल पूरे प्रदेश में अपनाए जाने पर जोर दिया जाएगा। पौधरोपण में हेस्को से डॉ. राकेश कुमार, डॉ. किरन नेगी, विनोद खत्री, डॉ. हिमानी पुरोहित के अलावा ग्रामीण रेखा राठौर, धर्मी थापा, अनीता मैठाणी, चंदा, पालिनी नेगी, संजना कुकरेती आदि मौजूद रहे।