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तेजी से धधक रहे उत्तराखंड के जंगल, गांवों तक पहुंचने लगी आग

उत्तराखंड में जंगल तेजी से धधकने लगे हैं। पहाड़ से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक के तमाम जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वन महकमे को पसीने छूट रहे हैं।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 10:40 AM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 08:00 PM (IST)
तेजी से धधक रहे उत्तराखंड के जंगल, गांवों तक पहुंचने लगी आग
तेजी से धधक रहे उत्तराखंड के जंगल, गांवों तक पहुंचने लगी आग

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में जंगल तेजी से धधकने लगे हैं। पहाड़ से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक के तमाम जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वन महकमे को पसीने छूट रहे हैं। अब तो आग गांवों के नजदीक तक पहुंचने लगी है। पौड़ी व रुद्रप्रयाग जिलों के विभिन्न गांवों के जंगलों के सुलगने से लोग भयभीत हैं। 

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श्रीनगर में एसएसबी की फायरिंग रेंज से लगे जंगल तक आग पहुंची है तो नैनीताल में आर्य भट्ट प्रेक्षण शोध संस्थान (एरीज) और चंपावत में पूर्णागिरी मंदिर क्षेत्र से लगे जंगल भी सुलग रहे हैं। आग की लगातार बढ़ती घटनाओं ने वन महकमे की पेशानी पर बल डाल दिए हैं। 

पखवाड़ेभर से पारे की उछाल के साथ ही राज्य में दावानल की घटनाओं में तेजी आई है। पिछले पांच दिनों में तो आग ने विकराल रूप धारण किया है। पौड़ी जिले के खोला, नैथाणा, झिंझनीसैंण, पैंडुला पांव, नाड़ी पांव, रुद्रप्रयाग जिले के बच्छणस्यूं, खांकरा, जखोली, बष्टी, टिहरी की भिलंगना घाटी के जंगलों में शुक्रवार देर शाम तक आग लगी हुई थी। 

वहीं, नैनीताल के नजदीक तल्ला कृष्णपुर से लेकर ताकुला तक के जंगल धधक रहे हैं। हनुमानगढ़ी क्षेत्र में भी आग लगी है। चंपावत जिले के कई जंगलों में आग की सूचना है। बागेश्वर के चंडिका मंदिर के पास भी जंगल धधक रहे हैं।

उधर, वन विभाग के आंकड़ों पर ही गौर करें तो इस फायर सीजन में अब तक जंगलों में आग की 491 घटनाएं हो चुकी है, जिसमें 676.835 हेक्टेयर जंगल तबाह हुआ है। क्षति आंकी गई है 11.25 लाख रुपये। कुमाऊं क्षेत्र में जंगल अधिक तेजी से सुलग रहे हैं, जहां आग की 317 घटनाएं हो चुकी हैं। 

गढ़वाल क्षेत्र में अब तक 149 और वन्यजीव परिरक्षण क्षेत्र में 25 घटनाएं सामने आई हैं। आग से अब तक नैनीताल, चमोली और ऊधमसिंहनगर जिलों में 11.26 हेक्टेयर क्षेत्र में किया गया पौधरोपण भी तबाह हो गया। 

पांच दिनों से धू-धू जल रहे जंगल

पहाड़ में गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगल भी आग से सुलगने लगे हैं। गढ़वाल मंडल में भिलंगना, खोला और रुद्रप्रयाग क्षेत्र के जंगलों में आग से करोड़ों रुपये की वन संपदा नष्ट हो चुकी है। घनसाली क्षेत्र में तो पांच दिन से जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। इससे जंगल से सटे शहरी क्षेत्रों में समूचा वातावरण धुएं से भर गया है। ग्रामीणों के सामने चारा-पत्ती का संकट भी खड़ा हो गया है। इधर, वन विभाग के दावानल पर नियंत्रण के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। 

सोया है वन विभाग 

श्रीनगर गढ़वाल में गुरुवार देर शाम श्रीनगर से लगी पहाड़ी में खोला के जंगल आग से धधक उठे। श्रीनगर घाटी के चारों ओर की पहाडिय़ों के जंगल में आग लगने से श्रीनगर क्षेत्र का वातावरण भी धुएं से भर गया। गुरुवार शाम को भी जीवीके हेलीपैड के समीप और सुमाड़ी रोड पर भी आग लगने की घटनाएं हुईं। इन दोनों स्थानों पर दमकल कर्मियों ने आग बुझाई। कीर्तिनगर विकासखंड के डांगचौरा रेंज के जंगल भी आग से धधक रहे हैं। 

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी लाल सिंह नेगी ने बताया कि पैंडुला पाव, नाड़ी पाव सहित अन्य गांवों के जंगल पिछले तीन दिनों से आग की लपटों से धधक रहे हैं, जिससे जगत सिंह पंवार के 100 आम के पेड़ों वाला बगीचा भी जल गया। नैथाणा के ऊपर सिल्काखाल और झिनझिणीसैंण के जंगल भी आग की चपेट में आ गए हैं। जंगलों में लगी इस आग से बड़ी मात्रा में वन संपदा भी नष्ट हो रही है। पर्यावरण बुरी तरह प्रदूषित होता जा रहा है। 

डांगचौरा के जंगलों में लगी आग के बारे में लाल सिंह नेगी ने डीएफओ टिहरी राहुल सिंह से संपर्क कर उन्हें जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जंगल आग से धधक रहे हैं और वन विभाग सोया पड़ा है।

रुद्रप्रयाग में भी धधके जंगल  

रुद्रप्रयाग जिले के बच्छणस्यूं, खांखरा, जखोली, भरदार, बष्टी सहित अन्य क्षेत्रों के जंगल बुरी तरह से आग की चपेट में आ गए हैं। कई हेक्टेयर में फैली इस आग से करोड़ों की वन संपदा और बेशकीमती जड़ी-बूटियां जलकर राख हो गई। ग्रामीण नरेंद्र सिंह, विक्रम सिंह, मोहन सिंह समेत कई लोगों का कहना है कि वन विभाग को सूचना देने के बाद भी उनकी टीमें समय से नहीं पहुंचती हैं। उन्होंने विभाग से आग बुझाने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार करने की मांग की।

भिलंगना रेंज में गोशाला जली 

टिहरी जिले के भिलंगना रेंज के वन वीट रौंसाल, घनसाली, द्वारी, गोरिया, गिरगांव, पौखाल नैलचामी के जंगल पांच दिनों से धू-धूकर जल रहे हैं। इससे लोग भारी उमस से दो-चार हो रहे हैं। रौंसाल क्षेत्र में लगी आग से ग्रामीण राजेंद्र प्रसाद की गोशाला के अलावा खाद्य सामग्री और बिस्तर भी जलकर रख हो गए। जंगलों में लगी आग से जहां वातावरण दूषित हो रहा है, वहीं जंगली जानवरों तथा पेयजल स्रोतों को नुकसान पहुंच रहा है। 

इस मामले में रेंज अधिकारी एसएस नेगी का कहना है कि भिलंगना रेंज में कुछ जगहों पर आग लगी थी, उस पर काबू पा लिया गया है और अन्य जगहों पर भी टीम आग बुझाने में लगी है।

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