यूपीआरएनएन पर वन विभाग का शिकंजा, छीने काम
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में विवादित कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआर
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में विवादित कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) पर अब वन विभाग ने भी शिकंजा कसा है। इस कड़ी में जायका परियोजना के तहत यूपीआरएनएन को दिए गए दो इको पार्क का कार्य उससे वापस लिया जाएगा। यही नहीं, सात हेलीपैड में आपदा राहत केंद्रों का निर्माण शुरू न करने पर इनकी संपूर्ण राशि वापस लौटाने के निर्देश दिए गए हैं। जायका परियोजना की समीक्षा के दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने यह निर्देश दिए। उन्होंने देहरादून में आइटी पार्क के पास निर्माणाधीन जायका भवन का कार्य पूर्ण करने को दो माह की मोहलत भी दी।
जापान इंटरनेशनल कोआपरेशन एजेंसी (जायका) के सहयोग से उत्तराखंड में वन विभाग कई योजनाएं संचालित कर रहा है। इस कड़ी में यूपीआरएनएन को भी कार्य सौंपे गए हैं। सोमवार को वन मुख्यालय के मंथन सभागार में वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने निगम को सौंपे गए कार्याें की समीक्षा की। तमाम कार्याें में निगम की ढिलाई पर उन्होंने कड़ा रुख अख्तियार किया।
डॉ.रावत के अनुसार पिछली सरकार के कार्यकाल में निगम को राज्य में नौ हेलीपैड में आपदा राहत केंद्रों के निर्माण को 11 करोड़ की राशि निर्गत की गई थी। इनमें से वह केवल दो पर ही कार्य प्रारंभ करा पाया है। इसे देखते हुए निर्देश दिए गए निगम शेष सात राहत केंद्रों का पैसा तुरंत विभाग को वापस लौटाए।
उन्होंने बताया कि इको टूरिज्म के तहत निगम को दो इको पार्क बनाने का कार्य भी सौंपा गया था, जिनकी शुरुआत भी नहीं हो पाई। निर्णय लिया गया कि इन कार्याें को निगम से वापस ले लिया जाए। वन मंत्री के मुताबिक देहरादून में जायका के भवन निर्माण में भी ढिलाई बरती जा रही है और कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। निगम को 15 अगस्त से पहले यह कार्य हर हाल में पूरा करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि 15 दिन बाद वह इन मामलों में हुई प्रगति की फिर से समीक्षा करेंगे।