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वन्यजीव प्रबंधन में मिला विश्व प्रकृति निधि का साथ, वन्यजीव-मानव संघर्ष रोकने में मिलेगी मदद

वन महकमे और विश्व प्रकृति निधि ने हाथ मिलाया है। इसके तहत डब्ल्यूडब्ल्यूएफ वन्यजीव प्रबंधन में मदद करेगा ही ग्रामीणों के लिए आजीविका विकास में भी तकनीकी सहयोग देगा।

By Edited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 01:29 PM (IST)
वन्यजीव प्रबंधन में मिला विश्व प्रकृति निधि का साथ, वन्यजीव-मानव संघर्ष रोकने में मिलेगी मदद
वन्यजीव प्रबंधन में मिला विश्व प्रकृति निधि का साथ, वन्यजीव-मानव संघर्ष रोकने में मिलेगी मदद

देहरादून, राज्य ब्यूरो। वन्यजीव जंगल की देहरी पार न करें, इसके लिए बेहतर प्रबंधन आवश्यक है। राज्य में जिस तरह से मानव-वन्यजीव संघर्ष गहरा रहा है, उसमें तो यह और भी जरूरी है। इसी के दृष्टिगत वन महकमे और विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने हाथ मिलाया है। इसके तहत डब्ल्यूडब्ल्यूएफ वन्यजीव प्रबंधन में मदद करेगा ही, ग्रामीणों के लिए आजीविका विकास में भी तकनीकी सहयोग देगा। इस पहल के परवान चढ़ने पर यह आने वाले दिनों में मनुष्य और वन्यजीवों के बीच छिड़ी जंग को थामने में मददगार साबित होगी। 

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यह किसी से छिपा नहीं है कि प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष चिंताजनक स्थिति में पहुंच चुका है। पहाड़ से लेकर मैदान तक सभी जगह वन्यजीवों का खौफ तारी है। इस संघर्ष में मनुष्य और वन्यजीव दोनों को ही बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। राज्य गठन से लेकर अब तक छह सौ से ज्यादा लोग वन्यजीवों के हमलों में मारे गए, जबकि इसके चार गुना से ज्यादा घायल हुए हैं। 
इस समस्या से पार पाने को जरूरी है कि जंगल में वन्यजीव प्रबंधन बेहतर हो। यदि वासस्थल विकास के साथ ही अन्य कदमों पर ध्यान केंद्रित किया जाए तो वन्यजीव अपनी हद पार नहीं करेंगे। इसी के दृष्टिगत विश्व प्रकृति निधि और वन्यजीव महकमे ने हाथ मिलाए हैं। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी बताते हैं कि विलेज वॉलेंटरी प्रोटेक्शन फोर्स के प्रशिक्षण, हाथी की सक्रियता के लिहाज से कोटद्वार क्षेत्र में चिह्नित हॉटस्पॉट, हाथी गलियारे खोलने समेत अन्य मामलों में कारणों की पड़ताल, सीमांकन, प्रबंधन योजना में विश्व प्रकृति निधि सहयोग देगा। उन्होंने बताया कि यह पहल मानव-वन्यजीव संघर्ष को न्यून करने में भी मदद करेगी। 
विश्व प्रकृति निधि का सहयोग 
-विलेज वॉलेंटरी प्रोटेक्शन फोर्स को प्रशिक्षण देने में मदद 
-कोटद्वार-दुगड्डा के बीच हाथियों की सक्रियता के कारणों की पड़ताल और प्रबंधन 
-किलपुरा-खटीमा हाथी गलियारे की प्रबंध योजना, सीमांकन और जनसामान्य में समझ विकसित करना 
-रामनगर वन प्रभाग में वन्यजीव प्रबंधन व आजीविका विकास में तकनीकी सहयोग 

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